नई निगम कमिश्नर प्रियंका दास के सामने राजधानी जैसे बड़े शहर की बड़ी चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती है भ्रष्टाचार। इसके साथ ही पेट्रोल पंप, परिवहन का मामला, झील संरक्षण, सिविल, भवन अनुज्ञा शाखा में भ्रष्टाचार खत्म करना होगा। निगम की आय बढ़ाने के साथ ही सफाई मामले में देश में नंबर-2 घोषित हुए इस शहर की छवि भी बनाए रखना अहम चुनौती होगा। राजधानी में रसूखदारों और बड़े नेताओं के अतिक्रमण, अवैध निर्माण और अवैध होर्डिंग्स पर भी लगाम लगाना होगी।
बताया जाता है कि सरकार एक वर्ष पहले ही नगरीय प्रशासन विभाग में एडिशनल कमिश्नर रहते प्रियंका दास को नगर निगम की जिम्मेदारी सौंपना चाहती थी, लेकिन यहा डिंडोरी कलेक्टर रही छवि भारद्वाज को पदस्थ कर दिया गया था। तब प्रियंका को टीकमगढ़ कलेक्टर बनाया गया था।
पिछले डेढ़ साल के दौरान छवि भारद्वाज और महापौर आलोक शर्मा के बीच स्मार्ट पार्किंग और होर्डिंग के ठेके को लेकर विवाद भी होते रहे हैं। तो इसलिए हटाया छवि को
सूत्रों की माने तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पिछले दिनों भोपाल आए थे और आदिवासी परिवार के घर भोजन करने गए थे। तब उस आदिवासी के घर शौचालय नहीं मिलने से इस कार्यक्रम की काफी किरकिरी हुई थी। इसी के बाद नगर निगम से कमिश्नर छवि की विदाई हो गई।
-पर्यटन विकास निगम में छवि को एमडी बनाए जाने के बाद हरिरंजन राव को मुख्यमंत्री का सचिव बनाया गया है। वे पर्यटन विभाग के सचिव भी थे।