महिला की बहन उसे तलाशते हुए भोपाल पहुंची तो तब गुमशुदगी का खुलासा हुआ। पुलिस ने 72 घंटे का ऑपरेशन चलाकर महिला और उसकी बच्ची को बरामद कर लिया। पुलिस ने महिला को बेचने वाले फूल विक्रेता और बच्ची से भीख मंगवाने वाले अधेड़ को गिरफ्तार कर लिया है, महिला को खरीदने वाले आरोपी की तलाश की जा रही है। एएसपी राजेश भदौरिया ने बताया कि खंडवा निवासी 28 वर्षीय रीना (परिवर्तित नाम) को पति ने घर से निकाल दिया था।
इसके बाद से वह अपनी तीन साल की बच्ची को लेकर भोपाल आ गई और काली मंदिर के सामने भीख मांगने लगी। रीना शाहजहांनाबाद स्थित मदर इंडिया कॉलोनी में कमरा किराए से लेकर रहती थी।
मंदिर के बाहर भटकने के दौरान उसकी पहचान वहां फूलों की दुकान लगाने वाले रंजीत से हुई। रंजित ने महिला को झांसा दिया कि वह यहां-वहां न भटके, वह उसे अच्छी तनख्वाह में घरेलू काम दिला सकता है। रीना उसकी बातों में आ गई।
मां को राजगढ़, बेटी को विदिशा ले जाकर बेचा
रंजित 14 अगस्त को महिला को लेकर राजगढ़ के बाटनीपुरा गांव पहुंचा और किसान सुमेर गुर्जर (45) को सौंप दिया। बदले में सुमेर से डेढ़ लाख रुपए ले लिए। दोनों ने महिला को झांसा दिया कि तुम गांव में आराम से रहो, हम तुम्हारी बेटी को बेहतर जिंदगी देंगे। इसके बाद वे बच्ची को लेकर विदिशा स्टेशन पर रहने वाले गंगाराम (50)के पास पहुंचे और 50 हजार में बच्ची का सौदा कर दिया। गंगाराम ने 10 हजार एडवांस दिए और बच्ची से मिलने वाली भीख से आठ महीनों तक हर महीने पांच हजार रुपए भेजने का सौदा किया।
रंजित 14 अगस्त को महिला को लेकर राजगढ़ के बाटनीपुरा गांव पहुंचा और किसान सुमेर गुर्जर (45) को सौंप दिया। बदले में सुमेर से डेढ़ लाख रुपए ले लिए। दोनों ने महिला को झांसा दिया कि तुम गांव में आराम से रहो, हम तुम्हारी बेटी को बेहतर जिंदगी देंगे। इसके बाद वे बच्ची को लेकर विदिशा स्टेशन पर रहने वाले गंगाराम (50)के पास पहुंचे और 50 हजार में बच्ची का सौदा कर दिया। गंगाराम ने 10 हजार एडवांस दिए और बच्ची से मिलने वाली भीख से आठ महीनों तक हर महीने पांच हजार रुपए भेजने का सौदा किया।
मानव तस्करी की पुष्टि होते ही पुलिस ने दो अलग-अलग टीमें बनाकर राजगढ़ और विदिशा रवाना की। एक टीम ने बाटनीपुरा पहुंचकर छापामारकर महिला को मुक्त कराया। पुलिस आने की आहट मिलने पर सुमेर जंगलों की ओर भाग गया। दूसरी टीम ने गंगाराम को तलाशना शुरू किया, यहां-वहां भटकने वाला गंगाराम विदिशा और बीना की सीमा के पास एक जगह बच्ची से भीख मंगवाता हुआ मिला। महिला ने बताया कि सुमेर उससे खेत में काम करवाता था।
बहन के आने पर हुआ खुलासा रीना की बड़ी बहन खंडवा में रहती हैं। तीन-चार महीनों से रीना से बातचीत नहीं हुई तो वह उसे ढूंढते हुए भोपाल आई। कमरे पर पहुंचकर पूछताछ में पता चला कि रीना 15 अगस्त के एक दिन पहले से लापता है। बहन ने शाहजहांनाबाद पुलिस को रीना और बेटी की गुमशुदगी की जानकारी दी। पूछताछ में पुलिस को रंजीत का पता चला, रंजित से सख्ती से पूछताछ में उसने गुनाह कबूल कर लिया।