दरअसल, चांदी ही एक ऐसी धातु है, जिसमें आसानी से दूसरे मेटल मिलाए जा सकते हैं। इसलिए इसकी शुद्धता की जानकारी हर किसी को होनी चाहिए. क्योंकि मिलावट वाली चांदी को जब आप बेचने के लिए जाएंगे, तो कोई कीमत नहीं मिलेगी। बाद में केवल पछतावा होगा। चांदी की पहचान कुछ आसान तरीके से ऐसे करें…..
– सोने की तरह चांदी की भी हालमार्किंग होती है. चांदी में शुद्धता के लिए फीसदी को आधार माना जाता है. चांदी के बार पर शुद्धता लिखी होती है. जैसे 99.9 फीसदी या 95 फीसदी लिखी होती है. सबसे अच्छी चांदी स्टर्लिंग चांदी के रूप में बेची जाती है. इसमें 92.5 फीसदी चांदी होती है. इसलिए इस पर .925 या 925 की मुहर लगी होती है. सिक्कों में 90 फीसदी तक चांदी होती है।
– कहीं दुकानदार आपको पुराना पालिश किया हुआ सिक्का तो नहीं बेच रहा, इसके लिए सिक्के के किनारों को अच्छी तरह देखें, वो घिसे हुए या धारीदार तो नहीं है। अगर सिक्के के किनारे घिसे हुए और धारीदार हैं तो समझ लीजिए कि सिक्का पुराना है और उसे पॉलिश करके बेचा जा रहा है।
– असली और नकली सिक्कों की पहचान उसकी खनक से हो जाती है. अगर इसके गिरने से घंटी के बजने जैसी आवाज आए, तो ये असली चांदी के सिक्के की पहचान होती है. जबकि नकली सिक्का लोहे की तरह खनकता है।
– चांदी में किसी सामान्य धातु की तुलना में अत्यधिक मात्रा में थर्मल कंडक्टिविटी है. चांदी असली है या नकली इसके लिए आप एक बर्फ का टुकड़ा चांदी पर रखें. अगर तेजी से बर्फ पिघलने लगे तो ये असली चांदी की पहचान होती है. लगेगा की किसी गर्म चीज पर बर्फ हो रख दिया है. क्योंकि थर्मल एनर्जी तेजी से बर्फ में ट्रांसफर होती है।
चांदी का सिक्का खरीदते वक्त चुंबक लेकर जाइए। जो भी सिक्का ले रहे हैं उसे चुंबक के नजदीक ले जाइए, अगर चुंबक उससे आकर्षित हो रहा है तो सिक्का नकली है। दरअसल चांदी चुंबकीय धातु नहीं है इसलिए असली चांदी चुंबक की तरफ आकर्षित नहीं होगा।