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भोपाल

जरा सी चूक पर रुकने लगती हैं सांसें, जानिए स्कूबा डाइविंग में पीएम मोदी ने कैसे उठाया खतरा

How PM Modi took breath while scuba diving in Dwarka स्कूबा डाइविंग तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि यह बेहद खतरनाक खेल भी है और जरा सी चूक जान पर भारी पड़ सकती है।

भोपालFeb 26, 2024 / 07:15 pm

deepak deewan

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स्कूबा डाइविंग तेजी से लोकप्रिय हो रहा है

PM Modi scuba diving Dwarka गुजरात के द्वारका में पीएम मोदी स्कूबा डाइविंग करते दिखाई दिए हैं। स्कूबा डाइविंग एक रोमांचक वाटर स्पोर्ट्स है जोकि युवाओं को बेहद पसंद आता है। दरअसल इसमें समुद्र की अथाह जल राशि के अंदर जाकर नजारा देखने का जो लुत्फ है, वैसा अन्य किसी वाटर स्पोर्ट्स में नहीं है। यही कारण है कि स्कूबा डाइविंग तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि यह बेहद खतरनाक खेल भी है और जरा सी चूक जान पर भारी पड़ सकती है।
स्कूबा के नाम में ही इसका खतरा छुपा हुआ है। स्कूबा दरअसल सेल्फ कंटेन्ड अंडरवॉटर ब्रीथिंग अप्लायन्सेज का शॉर्ट फॉर्म है। इसका सीधा मतलब है कि स्कूबा में आप पानी के अंदर जाकर एक उपकरण की मदद से ही सांस ले सकते हैं। वाटर स्पोर्ट्स स्पेशलिस्ट देवेंद्र खरे बताते हैं कि स्कूबा डाइविंग में टैंक की सहायता से ऑक्सीजन दी जाती है। पीएम मोदी को भी सांस लेने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर्स लगाया गया था।
एमपी में भी स्कूबा डाइविंग
स्कूबा डाइविंग इतनी लोकप्रिय हो रही है कि कई देशों में पर्यटन उद्योग इसी के बल पर ग्रूम कर रहा है। खासतौर पर बाली और इंडोनेशिया स्कूबा डाइविंग के लिए विख्यात हैं। ये दोनों देश दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्कूबा डाइविंग स्पॉट्स माने जाते हैं। कंबोडिया भी स्कूबा डाइविंग के लिए फेमस हो रहा है। एमपी के हनुवंतिया टापू में जल महोत्सव में स्कूबा डाइविंग भी कराई जाती है।

हालांकि स्कूबा डाइविंग एक बेहद रोमांचक गतिविधि है और वाटर स्पोर्ट्स के रूप में ही लोकप्रिय हो रही है लेकिन इसे अन्य कामों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। सभी प्रकार के पानी के स्रोतों जैसे नदियों, तालाबों, समुद्र के अंदर की खोजों, रिसर्च आदि के लिए भी स्कूबा डाइविंग की जाती है।
कैसे होती है स्कूबा डाइविंग
स्कूबा डाइविंग करानेवाली एक इवेंट कंपनी के मैनेजर सतीश मालपानी के अनुसार पानी के अंदर स्कूबा डाइविंग करने का एक खास तरीका है। गहरे पानी में सांस लेना सबसे कठिन काम है। इसके लिए सेल्फ कंटेंड अंडरवॉटर ब्रीथिंग अप्परेटस का उपयोग किया जाता है। पानी के अंदर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर्स लगाए जाते हैं। जरा सी चूक होने पर सांस रुक सकती है।
स्कूबा डाइविंग करते समय रखें ये सावधानी
— किसी भी हाल में शराब का सेवन कर स्कूबा डाइविंग न करें
— विशेषज्ञ बताते हैं कि स्कूबा डाइविंग करने से पहले अच्छा आराम बहुत जरूरी है
— यदि कोई थका हुआ है तो इस हाल में उसे स्कूबा डाइविंग नहीं करनी चाहिए
— स्कूबा डाइविंग में निर्णय लेने की अच्छी क्षमता होना बेहद आवश्यक है

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