एमपी के जिलों के बारे में यहां देखें (List of districts of Madhya Pradesh) क्या है बीना और खुरई में?
बीना (BINA) पश्चिम मध्य रेलवे का एक प्रमुख रेलवे जंक्शन, तहसील, ज़िला और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और औद्योगिक नगर भी है। यहां पर एक बहुत पुरानी जीएस फ्लोर मिल है और नई आरबी एग्रो इंडस्ट्री है यह दो बड़े औद्योगिक इकाइयां हैं। यहां पांच वेयरहाउस और बिना रिफायनरी भी है। यह क्षेत्र मध्यप्रदेश के पश्चिमोत्तरी क्षेत्र में स्थित मालवा के पठार पर स्थित है। खुरई (KHURAI) सागर जिले की एक बहुत पुरानी तहसील और बड़ा विधानसभा क्षेत्र भी है। यहां उन्नत गेहूं की पैदावार होती है और कृषि यंत्रों का भी निर्माण होता है। यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थान लाल मन्दिर, गौड़ राजाओं का किला, डोहेला मन्दिर आदि हैं। वर्तमान में हनोता बीना नदी परियोजना से खुरई हनोता को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां के लोग जिला बनाने की मांग 1965 से कर रहे हैं।
MP News: मध्यप्रदेश में दो नए जिले बनाने की तैयारी, कैबिनेट बैठक में लग सकती है मुहर जुन्नारदेव में क्या है खास
छिंदवाड़ा जिले में जुन्नारदेव तहसील है। इसके लिए पिछले माह से कवायद चल रही है। नए जिला बनाने के लिए राजस्व विभाग ने छिंदवाड़ा कलेक्टर को पत्र लिखकर प्रस्ताव मांगा था। जुन्नारदेव जिला बनाया जाता है तो इसमें परासिया और दो विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया जा सकता है। ऐसे में छिंदवाड़ा में सिर्फ तीन विधानसभा क्षेत्र ही बचेंगे।
मैहर बना 55वाँ जिला
मध्यप्रदेश के
सतना जिले से मैहर को अलग कर नया जिला बनाया गया था। मैहर 55वाँ जिला है। कांग्रेस सरकार द्वारा 18 मार्च 2023 की कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव दिया गया था लेकिन 4 सितम्बर 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता में नए जिले की स्वीकृति मिली। मैहर जिला आर्थिक रूप से काफी सम्पन्न है। मैहर दो विधानसभा वाला जिला है। मैहर में सीमेंट की तीन फैक्ट्रियां मैहर सीमेंट, रिलायंस सीमेंट और केजेएस कार्यरत है।
पांढुर्णा 54वां जिला
शिवराज सरकार के समय छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा तहसील को 54वां जिला बनाया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की आखिरी अध्यक्षता बैठक में पांढुर्णा को जिले बनाने की मंजूरी दी गई थी। पांढुर्ना और सौसर को मिलाकर यह नया जिला बनाया गया है। यह एरिया दलहन फसलों के लिए मशहूर है। मऊगंज बना था 53वां जिला
मध्यप्रदेश के
रीवा जिले से विभाजित होकर मऊगंज 53वां जिला बना था। मऊगंज के अंतर्गत दो विधानसभा मऊगंज और देवतालाब आती है। 13 अगस्त 2023 को हुई कैबिनेट बैठक में मऊगंज को जिला बनाने की मंजूरी मिली थी और 15 अगस्त 2023 को मऊगंज अस्तित्व में आ गया था। मऊगंज में चार तहसील देवतालाब, हनुमना, ऩईगढ़ी, मऊगंज शामिल हैं। IAS सोनिया मीना को मऊगंज के पहले कलेक्टर के रूप में पदस्थापना मिली थी, लेकिन विभागीय कारण से 12 घंटे के अंदर IAS अजय श्रीवास्तव को मऊगंज का कलेक्टर बनाया गया था। मऊगंज के प्रथम पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन बनाए गए थे।
नए छोटे जिले बनने से विकास की राह
छोटे जिले बनने से विकास की राह बड़े जिलों के मुकाबले आसान हो जाती है। शहरों के साथ ही गांवों और कस्बों की दूरी जिला मुख्यालय से कम हो जाती है। इससे आम जनता और प्रशासन के बीच संवाद बढ़ता है। वहीं सरकारी मशीनरी की रफ्तार बढ़ जाती है। विकास की रफ्तार तेज होने के साथ छोटे जिलों में कानून-व्यवस्था नियंत्रण में ऱखना आसान हो जाता है। शहरों कस्बों और गांवों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ने से सरकारी योजनाएं आम जनता तक जल्दी और आसानी से पहुंचाई जा सकती है। वहीं राज्य सरकार के राजस्व में भी इजाफा होता जाता है।
नए जिले बनने से आर्थिक आजादी
बड़े जिले से विभाजित होकर छोटे जिले बनने से वित्तीय आजादी मिल जाती है। नए जिले बनने से आम जनता की मुख्यालयों तक पहुंच आसान हो जाती है। वहीं सड़क, बिजली, पानी जैसी जरूरी सुविधाओं में जिले के छोटे होने के कारण सुधार होता है। इससे पुराने जिले को भी फायदा होता है। पुराने जिलों में लोगों तक सरकारी सेवाओं को आसानी से पहुंचाया जाने लगता है। इससे स्थानीय लोगों के लिए बेहतर शासन और विकास के अवसर उपलब्ध होते हैं। नागदा और चांचौड़ा भी प्रस्तावित
मध्यप्रदेश में दो और जिले बनना प्रस्तावित है।
उज्जैन के नागदा और
गुना जिले के चांचौड़ा को भी नया जिला बनाने का प्रस्ताव है। कमलनाथ सरकार के दौरान इस पर बात आगे बढ़ी थी, लेकिन इस पर अभी भी अमल लटका हुआ है। आने वाले दिनों में यह भी नए जिले बनते हुए नजर आएंगे।