यह भी पढ़ें: स्कूलों की छुट्टी, फिर लगेंगी ऑनलाइन क्लासेस, जारी किया आदेश ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन, पेट्रोल डीजल टैंकर चालक संघ एवं प्रांतीय शासकीय वाहन चालक संघ ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी केंद्र सरकार को पहले ही भेज दी थी। रविवार को ही कई जिलों में ट्रकों के खड़े होने की सूचना आ गई थी, सोमवार को तो सभी जगहों पर बस और ट्रकों के पहिए थम गए।
10 साल और 7 लाख के जुर्माने की सजा
मोटर व्हीकल एक्ट का नया संशोधन आईपीसी के उस धारा का समर्थन करेगा जिसमें एक्सीडेंट होने पर वाहन चालक को 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
यह भी पढ़ें: 1 जनवरी से बंद हो जाएंगी भोपाल की सभी सिटी बसें! ऑल मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस नई दिल्ली ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है। जिसमें कानून वापस लेने के लिए रिव्यू करने की बात लिखी है। अगर सरकार कानून वापस लेने से मना करती है तो सब मिलकर आंदोलन करेंगे।
कब तक चलेगी हड़ताल
बताया जा रहा है कि ट्रक और बस ड्राइवरों की ये हड़ताल कम से कम 2 दिनों तक चल सकती है। यदि वाकई दो दिनों तक ट्रक और बसों के पहिए थमे रहे तो लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि 2 जनवरी को देशभर के ट्रांसपोर्टर्स की बैठक कर आगे निर्णय लिए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: बंद हुईं लो फ्लोर बसें, हाईकोर्ट ने अवैध बताते हुए रोका संचालन हालांकि मध्यप्रदेश सरकार ने हड़ताल खत्म कराने की पहल की है। प्रदेश के
परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का वाहन चालकों की हड़ताल पर बड़ा बयान सामने आया। राव ने एसोसिएशन से बातचीत का रास्ता खोलने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा सरकार इसके लिए तैयार है। परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि हड़ताल अंतिम विकल्प है।