अलग-अलग खिलाड़ी और कोच ने विभिन्न खेलों के खर्चे बताए हैं। इसके अनुसार घुडसवारी का शौक सबसे मंहगा पड़ता है। हॉर्स राइडर्स इंटरनेशनल इवेंट में विदेशी घोड़ो के साथ भाग लेते हैं। इनकी कीमत 10 से 30 लाख रुपए तक रहती है। नेशनल इवेंट्स में भाग लेने के लिए घोड़ा 1 से 4 लाख रुपए तक लीज पर लेना होता है। इन घोड़ों के रखरखाव में भी अलग से खर्चा होता है। खिलाडिय़ों को इनके साथ फैमिलियर होने के लिए 8 से 10 दिन बिताना पड़ता है। एक ड्रेस भी 20 से 25 हजार रुपए में बनती है।
शूटिंग की ट्रेनिंग में तोशुरुआती खर्च ही कम से कम 5 लाख का आता है। इसमें शूटिंग रेंज से लेकर इक्विपिमेंट्स शामिल हैं। पिस्टल 2.5 लाख, 22 मीटर गन 4 लाख रुपए, राइफल की कीमत 2 से 3 लाख है। इसकी बुलेट की कीमत 550-600 रूपए है। शुरुआत में गोलियों पर ही केवल एक लाख से ज्यादा खर्च हो जाता है। इसके अलावा शूटिंग सूट बनवाना जरूरी होता है उसकी कीमत 90 हजार रुपए तक आती है। कोच की एक महीने की फीस ही 10 हजार से ज्यादा रहती है। इंटरनेशनल और नेशनल 10 मीटर पिस्टल और राइफल इवेंट में इस्तेमाल होने वाले पेलेट्स इम्पोर्टेड रहते हैं।
स्टेरायड्स और प्रोटीन सप्लीमेंट्स की कीमतों में इजाफा
युवाओं में बॉडी बिल्डिंग का क्रेज तेजी से बढ़ा है। खिलाड़ी को जिम, कोच के अलावा डाइट में सबसे ज्यादा खर्चा करना पड़ता है। मिस्टर एमपी, मिस्टर इंडिया, ऑलम्पियाड आदि साल में एक बार होने वाली बॉडी बिल्डर स्पर्धा है। अगर इनमें हिस्सा लेते हैं तो नेशनल या इंटरनेशनल लेवल बॉडी बिल्डर से ट्रेनिंग लेने का खर्च ही 5 लाख के करीब पड़ता है। इसके बाद डाइट प्लान सबसे जरूरी है। इसमें स्टेरायड्स और प्रोटीन सप्लीमेंट्स की कीमतों में इजाफा हुआ है।