यह बात पत्रिका से खास बातचीत में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि
मध्य प्रदेश में लागू वार्षिक प्रणाली को खत्म करने की जरूरत है।
इंदर सिंह परमार, उच्च शिक्षा मंत्री से पत्रिका की खास बातचीत के अंश
पत्रिका- एनईपी के बाद उच्च शिक्षा में क्या बदलाव हो हैं?
जवाब- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। अब तक जो शिक्षा एक तरह से रटने पर आधारित थी, वह अब सीखने-सिखाने वाली हो गई है। ऐसे पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं, जो रोजगार दे सकें। उत्कृष्ट कॉलेज शुरू किए जा रहे हैं। आने वाले समय में उच्च शिक्षा (higher education) का अलग परिदृष्य देखने को मिलेगा।
पत्रिका: यूजीसी ने कॉलेजों में साल में दो बार प्रवेश देने की बात कही है। प्रदेश में यह व्यवस्था कब से लागू होगी?
जवाब: साल में दो बार प्रवेश देने से ऐसे छात्रों को फायदा मिलेगा जो किसी वजह से काउंसिलिंग के दौरान प्रवेश नहीं ले सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूरी तरह से सेमेस्टर पर आधारित है। इसलिए साल में दो बार प्रवेश देने से पहले सेमेस्टर सिस्टम लागू करना होगा। ये भी पढे़ं: Good News: कैंसर मरीजों के लिए खुशखबरी, AI करेगा कमाल, 14 प्रकार के कैंसर में तुरंत मिल सकेगा इलाज
पत्रिका: कॉलेजों में चार माह प्रवेश चलते हैं। इस कारण परीक्षाएं समय से नहीं हो पातीं। ऐसे में दो बार प्रवेश कैसे संभव हैं?
जवाब: इसके लिए भी प्लान तैयार किया जा रहा है। इस साल 31 जुलाई के बाद किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। समय से प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो इसके आदेश दिए गए हैं।
पत्रिका: विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के लिए क्या प्लानिंग है?
जवाब: अभी तक कुछ विश्वविद्यालयों में अच्छे संसाधन हैं, लेकिन अन्य विद्यार्थी उपयोग नहीं कर सकते थे। अब एनईपी के तहत शेयरिंग में काम किया जा रहा है। हाल ही में मैनिट (MANIT) और आइआइटी इंदौर (IIT Indore) से एमओयू (MOU) किया है। अंतिम वर्ष के 50 बच्चे उनके रिसोर्स का उपयोग कर सकेंगे।
पत्रिका: इतिहास की किताबों में कुछ बदलाव करने की योजना है?
देखिए, इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश नहीं करना चाहिए। पूर्व में वोट बैंक को समझते हुए इतिहास को पेश किया। अभी एनसीईआरटी ने बड़ा निर्णय लिया है। भगवान श्रीराम के जिस मंदिर को ध्वस्त किया था उसे गलत तथ्यों के आधार पर सिलेबस में जोड़ा गया था। उसे एनसीईआरटी ने अलग किया है। इसी तरह और भी कई बदलाव किए जाएंगे।