दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी को एक आदेश जारी किया है। जिसमें लिखा गया है कि सभी राज्यों की सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस अलर्ट पर रहे। कहीं सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं बरती जाए, पहले से ज्यादा चौकसी बरती जाए। साथ ही अलर्ट में यह भी कहा गया है कि विभिन्न राज्यों में रह रहे जम्मू-कश्मीर के वासियों की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाए। साथ ही उनकी सुरक्षा और बचाव का खास ख्याल रखा जाए। साथ ही दूसरे राज्यों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों का विशेष ख्याल रखें।
गृह मंत्रालय के इस अलर्ट के बाद मध्यप्रदेश में हाई अलर्ट है। केंद्र सरकार के अलर्ट से पहले ही शनिवार को जम्मू-कश्मीर की स्थिति को देखते हुए मध्यप्रदेश आईबी ने अलर्ट जारी कर दिया था। अलर्ट में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में अगर कुछ होता है तो राज्य के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो सकते हैं। ऐसे में राज्य में भी तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे हालातों से निपटने के लिए तैयार रहें।
वहीं, जम्मू-कश्मीर पर फैसले के बाद मध्यप्रदेश के भी कई हिस्सों से जश्न की तस्वीर सामने आई है। मध्यप्रदेश पुलिस भी पूरी तरह से अलर्ट है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस बिल का विरोध कर रही है।
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पुलिस को आशंका है कि मध्यप्रदेश सिमी का भी गढ़ रहा है। सिमी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां लगातार प्रदेश से होती रही हैं। मध्यप्रदेश के कई जेलों में सिमी के खुंखार आतंकी कैद हैं। सिमी के आतंकियों ने तो मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित सेंट्रल जेल को ब्रेक कर भाग गए थे। हालांकि कुछ ही घंटों के बाद उन्हें एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। ऐसे में यह कयास लगाए जा सकते हैं, अगर कश्मीर में कुछ हलचल होती है तो ऐसे संगठन उन चीजों को ढाल बनाकर यहां भी प्रदर्शन कर सकते हैं।
पुलिस को आशंका है कि मध्यप्रदेश सिमी का भी गढ़ रहा है। सिमी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां लगातार प्रदेश से होती रही हैं। मध्यप्रदेश के कई जेलों में सिमी के खुंखार आतंकी कैद हैं। सिमी के आतंकियों ने तो मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित सेंट्रल जेल को ब्रेक कर भाग गए थे। हालांकि कुछ ही घंटों के बाद उन्हें एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। ऐसे में यह कयास लगाए जा सकते हैं, अगर कश्मीर में कुछ हलचल होती है तो ऐसे संगठन उन चीजों को ढाल बनाकर यहां भी प्रदर्शन कर सकते हैं।