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वहीं मंदसौर में सामान्य से 120% ज्यादा बारिश रेकॉर्ड की जा चुकी है, जो अन्य जिलों में सबसे ज्यादा है। वहीं, रायसेन में 61 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। मौसम विभाग ने 24 से 48 घंटों में 35 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
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26 फीसदी ज्यादा बरसात
प्रदेश में 11 सितंबर तक 1076.2 मिमी बरसात हो चुकी है। इस समय तक सामान्य आंकड़ा 854.8 मिमी का है। इस तरह यह सामान्य स्तर से 26 फीसदी ज्यादा है।
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यह बाढ़ नहीं तालाब अपनी बाहें फैलाए है
ये किसी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का फोटो नहीं बल्कि बड़े तालाब ने अपनी सरहद दिखाई है। लगातार हो रही बारिश से बड़ा तालाब 10 अगस्त से फुल टैंक लेवल पर है। नतीजन इंदौर-भोपाल हाइवे पर सड़क के दोनों ओर तालाब नजर आ रहा है। भोपाल में इस मानसून में 1560.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो अब तक की सामान्य औसत बारिश से 572.9 फीसदी ज्यादा है।
शाम को छाईं काली घटाएं
राजधानी में मंगलवार शाम चार बजे घने बादलों के आते ही अंधेरा छा गया, लगा जैस रात होने वाली है। इसके बाद शुरू हुई बारिश ने डेढ़ घंटे में ही न केवल शहर को तरबतर कर दिया, बल्कि नाले-नालियों के पानी की पहुंच घरों तक हो गई। शाम 5.30 बजे तक 33.1 मिमी बारिश दर्ज हुई।
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विशेषज्ञ भी हैं हैरान
कुछ वर्षों से तापमान बहुत अधिक या कम होता है तो कभी बरसात अधिक होती है। पहली बार देखने में आया है कि सितंबर में कनेक्टिविटी एक्टिविटी (गरज-चमक) हो रही है। सितंबर में रेनी डेज की संख्या भी बढ़ रही है। अब मानसून देर से आता है और देर तक चलता है। – अजय शुक्ला, मौसम वैज्ञानिक
33 साल रेकॉर्ड टूट जाएगा
कलियासोत डैम के छह गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है। डैम में पानी की अधिकता को देखते हुए इन्हें रातभर खोले जाने की बात कही जा रही है। इन डैमों के गेट इसी तरह खुले रहे तो 33 साल रेकॉर्ड टूट जाएगा। वर्ष 1986 में भदभदा के सभी 11 गेट 72 घंटे तक लगातार खुले रहे थे। हालांकि इस साल अधिकतम चार गेटों से पानी बाहर निकाला जा रहा है। जल स्तर बढऩे पर केरवा डैम से भी अतिरिक्त पानी बाहर निकाला जा रहा है। मंगलवार को राजधानी के सभी प्रमुख डैमों के लबालब होने के बाद गेटों के जरिये पानी बाहर किया गया।