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इस बार पड़ेगी हाड़ कंपाने वाली ठंड!
मोसम विभाग का अनुमान है कि, जिस तरह इस बार प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई है उसी तरह हाड़ कंपाने वाली ठंड से भी प्रदेशवासियों का सामना हो सकता है। बात करें बारिश की तो अब तक प्रदेश में औसत से 45 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है। इधर, केन्द्रीय मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश को अधिक बारिश वाले 11 राज्यों की सूची में शामिल किया है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अक्टूबर दूसरे सप्ताह तक प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। गुरुवार को भी मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में हल्की और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
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[typography_font:14pt;” >इन जिलों पर बारिश का अलर्ट
रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, सागर, टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास, आगर, मंदसौर, दतिया, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, शाजापुर जिले में गुरुवार की रात से शुक्रवार तक अनेक स्थानों गरज-चमक के साथ तेज बारिश का पूर्वानुमान है।
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10 हजार करोड़ के नुकसान, 15 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद
इस साल प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के चलते करीब 10 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है। इसमें 8 हजार करोड़ की फसल खराब हुई है, जबकि 2 हजार करोड़ रुपए लागत की सड़कें, सरकारी भवन और मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आकलन के लिए केन्द्रीय दल निरीक्षण कर चुका है। बाढ़ से मंदसौर, नीमच, रतलाम, आगर-मालवा में सोंयत और भिंड-मुरैना में ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। साथ ही इस रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने लगभग 15 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद की है, जिसकी पुष्टी कुछ दिनों पहले जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने की थी। हांलांकि, बारिश का सिलसिला नहीं थमा तो ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। वहीं, इस बीच वर्षाजनित हादसों में 200 से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं। प्रदेश सरकार बाढ़ प्रभावितों को अब तक सौ करोड़ से ज्यादा की राहत राशि बांट चुकी है। साथ ही, राज्य ने केन्द्र सरकार से भी राहत पहुंचाने की अपील की है।