MUST READ : अस्पताल में मरीज के पर्स से 26 हजार चोरी करते दिखी सफाईकर्मी
इन दिनों तापमान कम रहता है जिससे ब्लड वेसल्स (खून की निलका) सिकुड़ जाते हैं और शरीर में खून का संचालन अवरोधित होने लगता है। हृदय तक ऑक्सीजन की मात्रा कम पहुंचती है जिससे हृदय को शरीर में खून और ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है।
सर्दियों में पसीना कम निकलता है
अक्सर देखा गया है की सर्दियों में हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसा होता है की सर्दियों में पसीना कम निकलता है, जिससे शरीर का अतिरिक्त पानी निकल नहीं पाता है और फेफड़ो में पानी जमा हो सकने की संभावना बनी रहती है।
MUST READ : पोस्टमार्टम को लेकर सामने आई चौंकाने वाला खुलासा
इस अवस्था में दिल के मरीजों में हृदय की कार्य प्रक्रिया पर गंभीर प्रभाव पर सकता है। इसके साथ ही वायु प्रदूषण के कारण छोटे छोटे कण जो धुंध और ठंडे मौसम के कारण जमीन के करीब आकर बैठ जाते हैं, दिल के मरीज को सांस लेने में विशेष परेशानी देता है।
सर्दियों में दिल के मरीज, सावधान!
सर्दियों में मरीज के छाती में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। दिल के मरीज को सांस में कठिनाई महसूस होती हैं और हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि सर्दियों में दिल के मरीज को कई सारी बातों का ध्यान देना पड़ता है। सबसे पहले रक्तचाप को नियंत्रित रखें और कफ, कोल्ड, फ्लू आदि से खुद को बचाएं रखें।
MUST READ : बारात लेकर पहुंचे घर तो ससुराल वालों ने घर में लगा लिया ताला, फोन भी मिला स्विच ऑफ
गर्म पानी और नमक का सेवन फायदेमंद
नमक का कम सेवन जरूरी है और तनाव से खुद को बचाएं। सुबह शाम तीन-चार किमी टहलें जिससे शरीर में गर्माहट बनी रहे और शरीर का रक्त संचार बेहतर बना रहे। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के दिनों में दिल के मरीज को ज्यादातर गुनगुना पानी पीना चाहिए। इससे वायरल से भी बचा जा सकता है। 60 से अधिक उम्र के लोगों को सर्दियों के मौसम में सेहत को लेकर सचेत रहना चाहिए।