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सर्वे में सामने आए चौकाने वाले तथ्य
हालही में हुए एक सर्वे ने इसे प्रमाणित भी किया है, कि ये दोनो बीमारियों लोगों में बहुत तेजी से फैल रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 1990 से लेकर अब तक हृदय रोग के मामलों में 50 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं, इतने ही दिनों में डायबिटीज के मामलों में चौंकाने वाली 150 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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इन बीमारियों का भी बढ़ा खतरा
इस देशव्यापी सर्वे में सामने आया कि, साल 1990 में जहां ह्रदय रोग से ग्रस्त मरीजों की संख्या 2.5 करोड़ थी, वो साल 2019 में बढ़कर 6.5 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है। वहीं, फेफड़ों के मरीजों की संख्या जहां 1990 में 2.8 करोड़ थी वो बीते साल तक बढ़कर 5.5 करोड़ के पार जा पहुंची है। वैश्विक बीमारियों का बोझ अध्ययन के तहत ये रिपोर्ट 1990 के बाद उपलब्ध बीमारियों के दर्ज आंकड़ों के आधार पर बनाई गई है।इसे तैयार करने में विशेषज्ञों के अलावा देश भर के 100 से अधिक संस्थानों का भी योगदान है।
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डायबिटीज के मरीज की क्यों फूलती है सांस? जानिए वजह
आईसीएमआर के महानिदेशक और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य शोध विभाग के सचिव प्रोफेसर बलराम भार्गव द्वारा दिये साक्षात्कार के मुताबिक, ‘ज्यादा चिंता की बात ये है कि देश के पिछड़े राज्यों में सबसे ज्यादा हृदय रोग और मधुमेह के मरीज हैं। इनकी संख्या मध्य प्रदेश में भी काफी अधिक है। इसके अलावा, बच्चों को होने वाली बीमारियों से भी सबसे ज्यादा पीड़ित पिछड़े राज्यों में ही रहते हैं। रिपोर्ट में कैंसर से ग्रस्त मरीजों की संख्या भी इन बीस सालों में दोगुनी हो चुकी है।’
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हृदय रोग के कारण-
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डायबिटीज कंट्रोल
गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी मिटा सकता है। इसके रस को ग्रीन ब्लड के नाम से भी जाना जाता है। गेहूं के जवारे का आधा कप ताजा रस रोज सुबह-शाम पीने से डायबिटीज में लाभ होता है।
तुलसी के पत्तों में एन्टीऑक्सीडेंट व बाकी जरूरी तत्व मौजूद होते हैं, जिनसे इजिनॉल, मेथिल इजिनॉल और कैरियोफ़ैलिन बनते हैं। ये सारे तत्व मिलकर इन्सुलिन जमा करने वाली और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। डायाबीटीज के स्तर को कम करने के लिए रोज दो से तीन तुलसी के पत्ते खाली पेट लें। आप इसका जूस भी ले सकते हैं।