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युवाओं में लागतार बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा
दिल को स्वस्थ रखने का सबसे बेहतर उपाय है कि, हम मानसिक तनाव से बचें। इसके अलावा, बदलती जीवनशैली और बिगड़ता खानपान भी अधेड़ों या बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि युवाओं को भी दिल का रोगी बना रहा है। खासतौर पर युवाओं की जीवनशैली में बहुत तेजी से बदलाव आ रहा है, जो उन्हें हृदय रोग की तरफ ढकेल रही है। इनमें लोगों की बुरी आदते भी बड़ा कारण है।
हालही में चर्चा में आया हार्ट अटैक का अलग कारण
हालही में राजधानी भोपाल हार्ट अटैक से मृत्यु का चर्चित मामला सामने आया। इसकी चर्चा इसिलए भी हुई क्योंकि, हादसा मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी आरके मिगलानी के बेट गौतम मिगलानी के साथ हुआ था। बीते शनिवार को हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया। उनकी उम्र सिर्फ 37 साल थी। हार्ट अटैक आने के बाद गौतम को परिजन निजी अस्पताल ले गए, जहां उनकी मौत हो गई। गौतम के निधन के बाद अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. अभय त्यागी ने बताया कि, गौतम को हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण (सीने में दर्द या घबराहट) नहीं थे। डॉ. त्यागी के अनुसार, गौतम के दोनों पैरो में तेज दर्द था। उनकी सीटी एंजियों जांच से पता चला कि उनके पैर और पेट से हार्ट की ओर जाने वाली नस में ब्लॉकेज थे। डॉ. त्यागी ने बताया कि, इस तरह के हार्ट अटैक अकसर लोगों में देखे जा रहे हैं।
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इस तरह का दर्द हो तो रहें अलर्ट
वहीं, एलएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विवेक त्रिपाठी बताते हैं कि, उनके पास आ रहे हार्ट अटैक के मरीजों में 10 फीसदी से अधिक मरीजों की उम्र 30 से 40 साल के बीच है। उनका कहना है कि यदि दर्द जबड़े से नाभि तक (हाथों समेत) 15 मिनट से अधिक होता रहे तो यह हल्के हार्ट अटैक या हृदय रोग का लक्षण है। ऐसी स्थिति में खुद निर्णय न करने लगें कि यह हार्ट अटैक का दर्द है या एसिडिटी का, बल्कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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गंभीरता से लें ये बातें