इस बारे में विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि व्यक्ति सबसे पहले छह ‘एस’ की बात को ध्यान में रखें तो कई शारीरिक परेशानियों से बचा जा सकता है। यह छह ‘एस’ हैं साल्ट (नमक), शुगर (शकर), स्मोकिंग (धूम्रपान), सेडेंट्री लाइफ स्टाइल (आसान जीवनशैली), सेचुरेटेड फैट (संतृप्त वसा) और स्ट्रेस (तनाव) है। यदि इनसे दूरी बना ली जाएं तो, दिल के रोगों से काफी हद तक बचा जा सकता है।
रोज खा जाते हैं 12 ग्राम नमक
जहां तक नमक की बात है तो एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में अधिकतम छह ग्राम ही नमक खाना चाहिए लेकिन हम नमकीन, अचार, पापड़ आदि का सेवन कर प्रतिदिन करीब 12 ग्राम तक नमक खा जाते हैं।
शक्कर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। इसके बजाय गुड़, शहद का सेवन करना चाहिए। ये शक्कर की अपेक्षाकृत कम हानिकारक होते हैं। धूम्रपान अब स्टेटस का हिस्सा बन रहा है और यह भी रोग की वजह है। व्यायाम नहीं करना और रेडी टू ईट का प्रयोग सेहत के साथ खिलवाड़ करना है।
इन लक्षणों से जानें दिल का हाल
कई बार लोग हृदयरोग के लक्षण नहीं समझ पाते जिसके चलते वे रोग की गंभीर अवस्था तक पहुंच जाते हैं। यदि किसी को सामान्य स्थिति में भी हांफी आती हो, सीने में बायीं तरफ दर्द या बाएं हाथ में दर्द व झुनझुनाहट होती हो तो यह हृदयरोग के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा घबराहट होना, पसीना आना, सांस फूलना, सीने में भारीपन महसूस होना, चलने में थकान महसूस होना, चक्कर आना भी इसके लक्षण हैं। यदि इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए, तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें और अपनी जीवनशैली, खानपान में सुधार कर लें।