पत्र में कहा गया है कि ऐसे में डॉक्टरों के खिलाफ कोई कठोर निर्णय लेते हुए चिकित्सकों की हठधर्मिता और अनुशासनहीनता के लिए मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन न कराने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन से सुझाव मांगा है। यही नहीं जब तक वहां से जवाब नहीं आता इन चिकित्सकों का मप्र मेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं होगा।
हो सकता है बड़ा आंदोलन हड़ताल में भाग लेने वाले चिकित्सकों को व्यक्तिगत भेजे गए पत्र के बाद अब जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन आंदोलन कर सकता है। जूडा के सचिव डॉ.़ हरीश पाठक ने बताया कि वे इस मामले में मंत्री विश्वास सारंग से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि दो महीने पहले हड़ताल खत्म होने के बाद अब अधिकारी इसे व्यक्तिगत मुद्दा बना रहे हैं। अगर इस पत्र को खारिज नहीं किया जाता है तो वे कड़ा कदम उठाएंगे, जिसमें हड़ताल भी शामिल हो सकती है। यही नहीं जूडा पर कार्रवाई होने पर मेडिकल टीचर्स आंदोलन में शामिल हो सकते हैं। एक बार फिर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड सकता है।