पर्यटन विभाग ने यहां पतंगबाजी, वॉलीबॉल, कैंप फायर, स्टार गेजिंग, साइकलिंग, पैरामोटरिंग, पैरासेलिंग, हॉट एयर बैलून, बर्ड वॉचिंग गतिविधियां शुरू की हैं। इसके बाद से देशभर के पर्यटक यहां आने के लिए उत्सक हैं। पर्यटकों के ठहरने और खाने के लिए लजीज व्यंजन भी यहां मौजूद हैं।
ठहरने के लिए हैं कॉटेज
यहां फिलहाल 5 कॉटेज है। प्रत्येक कॉटेज में दो हिस्से हैं और दोनों में ठहरने के लिए कॉटेज हैं। कॉटेज का फ्रंट नर्मदा की तरफ है, जहां बैठकर आप समुद्र के समान हिलोर मारते नर्मदा के पानी को निहार सकते हैं। एक कॉटेज का किराया टैक्स के साथ 3906 रुपए है। एक कॉटेज में दो लोग ही रुक सकते हैं। तीसरे व्यक्ति के लिए 350 रुपए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। कॉटेज किराए में सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी शामिल किया गया है।
ये हैं रूट
भोपाल से हनुवंतिया 356 किमी
इंदौर से सनावद 71 किमी
सनावद से पुनासा 42 किमी
पुनासा से मूंदी 24 किमी
मूंदी से सिंगाजी 07 किमी
अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला सैलानी टापू
– मूंदी के निकट इंदिरासागर बांध के बैक वॉटर में बना है हनुवंतिया टापू।
– मप्र पर्यटन विकास निगम ने इसे 20 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया है।
– बैक वाटर में बना यह टापू देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला सैलानी टापू है।
– शहरी चकाचौंध और आपाधापी से दूर नमज़्दा की लहरों के बीच इस टापू पर पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
– जलाशय में सैर के लिए क्रूज, वाटर स्कूटर, मोटर बोट के अलावा वूडन कॉटेज और रेस्टोरेंट की सुविधा है।
– यहां पर्यटक इंदिरासागर बांध, संत सिंगाजी की समाधि और सिंगाजी थर्मल पॉवर स्टेशन की सैर भी कर सकते हैं।
– टापू पर ठहरने के लिए होटल जैसी सुविधा वाले पांच कॉटेज बने हैं।
– बैक वॉटर के किनारे कश्मीरी लकड़ी से बने रो-हाऊस और कैंटीन की भी व्यवस्था है।
– पर्यटकों के आराम के लिए आकर्षक बगीचा और बीच भी बनाए गए हैं।
– हनुवंतिया टापू इंदौर से 150, खंडवा से करीब 45 किमी व मूंदी से 17 किमी दूर है।
60 सीटर क्रूज में होता है सैर-सपाटा
– पर्यटक 60 सीटर क्रूज में बैठकर करीब 45 मिनट जलाशय में सैर कर सकते हैं।
– क्रूज की सैर के लिए कम से कम 10 सवारी होना अनिवार्य है।
– पार्टी आदि के लिए क्रूज को कर सकते हैं बुक।