जानकारों के अनुसार एक ओर जहां इनके कुछ फायदे सामने आए वहीं कुछ जगह इनके कारण परेशानियां भी पैदा हो गई। कहा जा रहा है कि जीएसटी(GST) के कारण ही मध्यप्रदेश के खजाने की सेहत गड़बड़ा गई है। जिसके कारण MP सरकार(GST impact on Madhya Pradesh Government) ने एक बार फिर कर्ज लिया। ऐसे में राज्य में कर्ज एक लाख करोड़ के पार जा पहुंचा है। वहीं दीपावली के पहले तक सरकार नौ हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है।
दरअसल प्रदेश सरकार की परेशानी यह है कि राजस्व वसूली कम हुई, यदि इसी रफ्तार से राजस्व में कमी आती रही तो वित्तीय वर्ष के अंत में यह आंकड़ा 3000 करोड़ के ऊपर भी जा सकता है।
जानकारों के अनुसार GST लागू होने के बाद भारत एक वन टैक्स वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा जिससे भारत में वस्तुओं और जरुरी सेवाओं पर लगने वाले अलग – अलग तरह के सर्विस Tax खत्म हो जाएंगे, एक नये आंकड़े के मुताबिक इंडिया के करीब 132 करोड़ लोग सेवाओं और वस्तुओं पर सिर्फ एक Tax देंगे जिसे GST यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स के नाम से जाना जाएगा। अभी किसी भी सामान पर सेंट्रल और राज्य कई तरीके के सर्विस टैक्स लगाते हैं। लेकिन GST आने के बाद सभी तरह के सामानों पर एक समान टैक्स लगाया जाएगा।
सेंट्रल सेल्स टैक्स, सर्विस टैक्स, स्टेट सेल्स टैक्स और VAT जैसे जो भी टैक्स है ख़त्म होंगे। अभी जनता को किसी भी सामान पर करीब 30 से 35% सर्विस टैक्स देना पड़ता है। GST आने के बाद ये टैक्स 18% हो जाएगा, जिसमें कोई In-direct टैक्स नहीं होगा। GST देश की अर्थव्यवस्था को एक देश – एक टैक्स वाली अर्थव्यवस्था बना देगा। फिलहाल देश के लोग वस्तुओं और सेवाओं के लिए 20 अलग – अलग तरह के टैक्स चुकाते हैं जबकि जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ एक तरह का टैक्स ही चुकाना होगा
1. कपडे होंगे सस्ते :सभी तरह के कपडे पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगेगी। जबकि एक रुपए तक के परिधानों पर पांच फ़ीसदी की निम्न दर से जीएसटी लागू होगा। वर्तमान में इस पर सात फ़ीसदी की दर से कर लगता है। एक हज़ार रुपए से अधिक मूल्य के कपड़ों पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा।