दरअसल ब्रेन डेड के बाद परिजन ने शरीर के अंग दान करने का फैसला किया है। जिसके बाद जबलपुर जिला प्रशासन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इस प्रक्रिया को तेजी से संपन्न किया।
सीएम के हेलीकॉप्टर से आया हार्ट
एआईआईएमएस भोपाल में कार्डियो थोरेसिक विभाग के एचओडी डॉ. योगेश निवारिया के नेतृत्व में चार विभागों की टीम ने सर्जरी करी। ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया 1 घंटे का समय लगा। कैडेवर डोनेशन की सूचना मिलने पर हार्ट के लिए व्यवस्था तेज कर दी गई थी। इसकी सूचना जैसे ही मुख्यमंत्री को मिली तो उन्होंने अपना हेलीकॉप्टर उपयोग करने की बात कही। सिर्फ चार घंटे के अंदर ही हार्ट को जबलपुर से भोपाल एम्स पहुंचाया गया।
हादसे का हो गए थे शिकार
जानकारी मिली है कि दिव्यांग संत बलिराम कुशवाहा ट्राईसाइकिल को मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी थी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल जबलपुर ले जाया गया, लेकिन तब तक उनका ब्रेन डेड हो चुका था। डॉक्टरों ने परिवार को समझाया कि उनके अंगों के दान से चार मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकती है। जिसके बाद परिवार ने सहमति दी और देर रात 1 बजे अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई। राज्य सरकार ने इस प्रयास को सफल बनाने के लिए तुरंत कदम उठाए। मध्य प्रदेश में पहली बार किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज ने ऑर्गन डोनेशन में इतना बड़ा प्रयास किया।