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सरकार ने कराई थी 692 नर्सिंग होम और अस्पतालों की जांच
सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी ने सरकार द्वारा जारी इस आदेश की पुष्टि करते हुए कहा कि, ये नर्सिंग होम बिना उपकरण और अपर्याप्त स्टाफ से संचालित किये जा रहे थे, जिनके विरुद्ध कार्रवाई की गई है। बता दें कि, प्रदेश में कोरोना के बिगड़े हालातों के दौरान दूसरी लहर के चलते ऐसे कई नर्सिंग होम खुल गए थे, जो मापदंडों का पालन नहीं कर रहे थे। अब इस स्थिति में बीमार लोगों का इन नर्सिंग होम्स में जाना खुद की जान से खिलवाड़ करने जैसा था। इसी के चलते सरकार ने प्रदेश के 692 नर्सिंग होम और अस्पतालों की जांच कराई थी। इनमें कई नर्सिंग होम मापदंडों के तहत संचालित नहीं पाए गए। कुछ नर्सिंग होम तो बंद ही मिले। कई जगह पर्याप्त स्टाफ नहीं था, तो कई जगह मरीजों के रिकॉर्ड नियमानुसार नहीं रखे गए थे। सरकार ने ऐसे नर्सिंग होम्स के खिलाफ कार्रवाई की है।
392 नर्सिंग होम को कारण बताओं नोटिस
जांच में जिन नर्सिंग होम्स और अस्पताल नियमों का पालन करते नहीं पाए गए उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले माह बंद करने का नोटिस जारी कर दिया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कार्रवाई की गई। 10 नर्सिंग होम भोपाल, 24 ग्वालियर और बाकी अन्य जिलों के है। इसके अलावा 392 नर्सिंग होम ऐसे भी है, जिन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
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भोपाल CMHO ने की पुष्टि
भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार, सिर्फ राजधानी भोपाल में 10 नर्सिंग होम की जांच के बाद उनके रजिस्ट्रेशन करने निरस्त करने की पुष्टि की है। उनके मुताबिक, नर्सिंग होम बिना उपकरण और अपर्याप्त स्टाफ से संचालित किये जा रहे थे, जिन्हें पहले नोटिस जारी किया गया। उनके जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त किया गया है।
भोपाल में इन नर्सिंग होम्स का रजिस्ट्रेशन किया गया निरस्त
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