ऑनलाइन सामानों की बिक्री करने वाली कंपनियों का मानना है दिवाली तक इसमें 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी का अनुमान है। ई-कॉमर्स कंपनियां, क्विक कॉमर्स कंपनियां और फूड डिलीवरी ह्रश्वलेटफॉर्म बढ़ी डिमांड को पूरा करने के लिए अतिरिक्त गिग वर्कर्स हायर करेंगी।
एक सामान की डिलीवरी पर 15 रुपए
होम डिलीवरी के कार्य से जुड़े भानू वर्मा का कहना है कि एक डिलीवरी के एवज में उन्हें कम से कम 15 रुपए मिलते हैं। दिनभर में औसतन 40 से 60 डिलीवरी कर देते हैं। इस तरह 600 रुपए से 800 रुपए की कमाई हो जाती है। इस लिहाज से यह राशि 25 हजार रुपए महीने बनती है। बीमाकुंज स्थिति एक डिलीवरी सेंटर से जुड़े आकाश भार्गव का कहना है कि सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक का वर्किंग समय रहता है।
कहलाते हैं गिग वर्कर्स
ऑनलाइन कंपनियों के साथ डिलीवरी से जुड़े कार्य करने वाले कर्मचारी गिग वर्कर कहलाते हैं। गिग वर्कर स्वतंत्र ठेकेदार, ऑनलाइन ह्रश्वलेटफ़ॉर्म वर्कर, कॉन्ट्रैक्ट फर्म वर्कर, ऑन-कॉल वर्कर और अस्थायी कर्मचारी होते हैं।
ऑनलाइन से ज्यादा ऑफलाइन पर भरोसा
सामान की होम डिलीवरी में ऑनलाइन से ज्यादा ऑफलाइन सामान की डिलीवरी पर लोगों को ज्यादा भरोसा है। इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों से लेकर खानपान सामग्री की रेस्टोरेंट से घर पर डिलीवरी में लोग दुकानदार से ही संपर्क कर सामान की डिलीवरी करवा रहे हैं। क्षेत्रवार रेस्त्रां मालिक-दुकानदार होम डिलीवरी के लिए अलग से स्टॉफ रख रहा है।
उच्च मांग वाले उत्पाद
त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं द्वारा सबसे अधिक खरीदारी मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की हो रही है। ईएमआई विकल्प का उपयोग
त्योहारी बिक्री के दौरान उपभोक्ता उच्च मूल्य वाले उत्पादों की खरीदारी में ईएमआई विकल्प का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं, जिससे महंगे उत्पादों की खरीदारी को बढ़ावा मिला है।