नक्काशीदार पत्थरों से तीन मुख्य द्वार बनाए जाएंगे। मंदिर में 5 द्वार बनाए जाएंगे जिसमें 3 मुख्य द्वारों को नक्काशीदार पत्थरों से महलनुमा बनाया जाएगा। आर्किटेक्ट मिलिंद जमड़े ने बताया कि मंदिर को बनाने के लिए धौलपुर के नक्काशीदार पत्थर एवं फर्श को ग्रेनाइट पत्थर से बनाया जाएगा जिसकी अनुमानित लागत तीन करोड़ रुपए से ज्यादा होगी।
मंदिर के नवनिर्माण की रूपरेखा बनाई गई। इसके लिए भूमिपूजन 23 अगस्त को हो चुका है। इसके बाद अब नींव पूजन के साथ काम की शुरुआत की जाएगी। मंदिर के नवनिर्माण का यह काम जल्द से जल्द पूरा करने की बात कही जा रही है. गौरतलब है कि शास्त्रों में पुराने शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कराने की विशेष महिमा बताई गई है.
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अस्थायी शेड में विराजे हैं भगवान वटेश्वर
मंदिर का नवनिर्माण होने के कारण मंदिर को पूरी तरह जमीदोज कर दिया गया है। अब भगवान वटेश्वर बिना छत के अस्थायी टीन शेड में विराजमान है, जिसमें पूजा पाठ का कार्य निरंतर विधि विधान के साथ चल रहा है। मंदिर समिति के संजय अग्रवाल एवं प्रमोद नेमा ने बताया कि कई जगह से जीर्ण- शीर्ण हो चुके मंदिर को बनाने का प्रयास पिछले 10- 12 वर्षों से चल रहा था लेकिन संभव नहीं हो पाया।