राज्य सरकार ने इस कारण ग्लैंडर्स रोग को लेकर राजस्थान व उत्तरप्रदेश से सटे जिलों में भी अलर्ट किया है। यह रोग राजस्थान के कई जिलों में सामने आ चुका है। वहां २७ से ज्यादा घोड़ों को इस कारण मारना पड़ा था।
घोड़े व खच्चर-गधे के अलावा अन्य पालतू पशु यानी कुत्ता, बिल्ली, भेड़, बकरी भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। बरखोडेरिया मैलियाई नामक जीवाणु से होने वाली इस बीमारी में पहले पशु को तेज बुखार आता है। खाल में गांठे गले के अंदर छाले पड़ जाते हैं जो बाद में फट जाते हैं। इनसे पीले रंग का मवाद आने लगता है। पशु का खांसी आने लगती है। इस बीमारी की वजह से पूरे शरीर में गांठें होने लगती हैं।नाक और मुंह से लगातार पानी बहता रहता है और धीरे-धीरे ये गांठें जानलेवा बन जाती हैं। यह रोग होने पर घोड़ों को जहर देकर मारने का ही विकल्प बचता है।
यह रोग सबसे पहले अमरीका में सन 2000 में उभरा था। देश में यह 2006 में भी दिखा, लेकिन इसे फैलने से रोक दिया गया। अब यह फिर दिखना शुरू हुआ है। अभी तक यूपी, गुजरात, श्रीनगर, हिमाचल, हरियाणा और मध्यप्रदेश में यह रोग दिखा है। देश में अब तक ३६६ घोड़ों में इस रोग की पुष्टि हुई है। इसमें मध्यप्रदेश के ग्वालियर के पांच घोड़े भी शामिल हैं।