भैरव देव
घर के मंदिर में कभी भी भैरव जी की मूर्ति को नहीं रखना चाहिए। पंडित जी बताते है कि वैसे तो भैरव देव भगवान शिव का ही कुप है लेकिन इनको तंत्र मंत्र विद्या का देवता भी माना जाता है। इसीलिए इनकी मूर्ति को कभी भी घर के मंदिर में नहीं लगाना चाहिए।
राहु-केतु की मूर्ति
अपने घर के मंदिर में कभी भी राहु – केतु की मूर्ति को न लगाएं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि राहु केतु तीनों पापी ग्रह के रुप में गिने जाते है। अगर किसी भी जातक की कुंडली में राहु – केतु की बुरी दृष्टी पड़ी हो तो इनकी पूजा करने से कष्ट कम होते हैं परंतु इनको अपने घर में लेकर आना अशुभ माना गया है इनकी पूजा हमेशा घर के बाहर ही करनी चाहिए। कभी भी घर के अंदर मंदिर में इनकी मूर्ति को न लगाएं।
नटराज
नटराज देवता को भगवान भोलेनाथ का ही स्वरुप माना जाता है। भगवान भोलेनाथ की मूर्ति को घर के मंदिर में रखकर पूजा की जाए तो इसे बहुत ही शुभ माना गया है लेकिन नटराज देवता की मूर्ति को कभी भी मंदिर में नहीं लगाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि नटराज देवता भगवान शिव जी का रौद्र रूप है। भगवान शिव जी को अधिक क्रोध आता है तब वह नटराज रूप का धारण करते हैं अगर आप घर में नटराज देवता की मूर्ति लगाते है तो इससे घर में अशांति फालती है।
शनिदेव
शनि महाराज सूर्य पुत्र है और इनका पूजा का स्थान मंदिर के अन्य पूजा स्थलों से बिल्कुल अलग होता है इनकी पूजा करने के भी बहुत से नियम होते हैं सूर्यास्त होने के पश्चात इनकी पूजा की जाती है कभी भी इनकी पूजा घर के अंदर नहीं की जानी चाहिए इनकी पूजा हमेशा घर के बाहर ही होती है। इसीलिए आप भूलकर भी शनिदेव की मूर्तियों को अपने घर में स्थापित मत कीजिए।