भोपाल/जबलपुर। भोपाल गैस त्रासदी पीडि़त राहत अस्पतालों में सुविधाओं के अभाव के मसले पर हाईकोर्ट द्वारा गठित जस्टिस वीके अग्रवाल की कमेटी ने मप्र हाईकोर्ट के समक्ष अपनी सीलबंद रिपोर्ट पेश कर दी है। रिपोर्ट में इन अस्पतालों में ढेरों कमियां बताई गई हैं।
कमेटी भी इन कमियों को देखकर हैरान है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की युगलपीठ ने सरकार को छह सप्ताह के अंदर इन सभी कमियों का निवारण कर कोर्ट को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्यमी संघ व अन्य ने याचिका दाखिल कर कहा था कि गैस राहत अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर व स्टाफ नहीं है। पीडि़तों के हेल्थ कार्ड नहीं बने हैं। दवाओं का टोटा रहता है। फिर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश पर इसकी मॉनीटरिंग के लिए हाईकोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस वीके अग्रवाल की कमेटी गठित की थी। उक्त कमेटी ने सभी संबंधितों व अधिकारियों से बैठक के बाद यह रिपोर्ट तैयार की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेश चंद ने पैरवी की।
Hindi News / Bhopal / गैस त्रासदी केस : हैरान कर देने वाली हैं राहत अस्पतालों की हालत