कैग की रिपोर्ट के जवाब में राज्य सरकार ने कहा था कि राज्य बांध सुरक्षा संगठन एसडीएसओ के निर्देशों के तहत सितंबर 2020 में 25 बांधों के लिए आपात कालीन कार्ययोजना बनाई गई है. खास बात यह भी है कि कैग ने इस उत्तर को स्वीकार ही नहीं किया है।
इतना ही नही, कैग ने बांधों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए थे. कैग ने यह भी कहा था कि बांध सुरक्षा निरीक्षण पैनल, केंद्रीय जल आयोग यानि सीडब्ल्यूसी ने इस संबंध में 12 साल पहले जो सिफारिश की थी वह पूरी नहीं की गई। कैग ने न सिर्फ प्रदेश के बांधों की सुरक्षा पर आपत्ति की बल्कि यह भी कहा मध्यप्रदेश में 94 प्रतिशत बड़े बांधों की आपात कालीन कार्ययोजना ही नहीं बनाई गई है। गौरतलब है कि गांधी सागर बांध की सुरक्षा को लेकर विधानसभा में भी सवाल उठाए गए थे। बांधों की सुरक्षा को लेकर आडिट कराए जाने की भी मांग की गई थी।
कैग की रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रदेश में दिसंबर 2019 तक जल संसाधन विभाग के तहत आनेवाले बांधों में एसडीएसओ ने वर्ष 2018-19 तक 510 बांधों का निरीक्षण किया गया था। इसमें से श्रेणी दो के 72 और श्रेणी एक के एक बांध की तत्काल मरम्मत की जरूरत जताई थी। श्रेणी दो के तहत चयनित 16 संभागों में स्थित 28 बांधों में मुख्य भाग से पानी के रिसाव के साथ ही सीपेज व नालियां चोक होने जैसी बड़ी कमियां सामने आई थीं।