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भोपाल

गैमन के सीबीडी प्रोजेक्ट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में

गैमन के सीबीडी प्रोजेक्ट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में

भोपालJan 31, 2020 / 10:18 pm

देवेंद्र शर्मा

गैमन के सीबीडी प्रोजेक्ट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में

गैमन के सीबीडी प्रोजेक्ट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में

भोपाल
टीटीनगर क्षेत्र में गैमन इंडिया का सीबीडी प्रोजेक्ट पर अब सुप्रीम कोर्ट निर्णय करेगा। गैमन आवंटी चंदना अरोरा के एक आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने डायरी नंबर से रजिस्टर्ड किया है। इसकी फाइल बना दी है। अब ये फाइल चीफ जस्टिस के पास जाएगी और इसमें तय होगा कि मामले को यहां किस स्थिति में लिया जाएगा। फिलहाल मामला एडमिनिस्ट्रक प्रक्रिया में डाला गया है, ये ज्यूडिशियल नहीं है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवेदन के आधार पर मामले को रजिस्टर्ड करना गैमन आवंटियों के लिए बड़ी राहत की बात है। ये बीते दस सालों में पूरी राशि का भुगतान करने के बावजूद यहां अपने घर के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गैमन के सीबीडी की पीडि़त आवंटी चंदना अरोरा का कहना है कि उन्हें न्याय की उम्मीद बंधी है।
दरअसल टीटी नगर की ये जमीन शासन ने लीज पर कमर्शियल कम रेसीडेंशियल प्रोजेक्ट के लिए गैमन को दी थी। करीब 40 अरब रुपए इस प्रोजेक्ट से कमाई का अनुमान था। प्रोजेक्ट में भुगतान वसूली के बाद प्रोजेक्ट का काम बंद कर दिया। तय समय में मकान नहीं दिए गए। मामला रेरा में भी गया था और यहां से राज्य सरकार को सुझाव दिया गया था कि जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आम्रपाली ग्रुप के प्रोजेक्ट को दूसरी सरकारी एजेंसी बना रही हैं, उसी तरह गैमन के इस प्रोजेक्ट को मप्र हाउसिंग बोर्ड से पूरा करवाया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट को हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से इसे पूरा कराने की बात भी हुई, लेकिन इसकी कोई प्रक्रिया ही शुरू नहीं की। यदि हाउसिंग बोर्ड प्रोजेक्ट शुरू करता तो उसे काम पूरा करने शासन को बड़ी रकम देना पड़ती। सूत्रों के अनुसार मामले में शासन राशि देने से बचने के लिए गैमन से लीज फ्री होल्ड करने को लेकर चर्चा कर रहा है। मामला अभी हाईकोर्ट में भी है। यहां शासन के एडवोकेट जनरल को जवाब देना है। सुप्रीम कोर्ट मे मामला एडमिनिस्ट्रेटिव प्रक्रिया के तहत पंजीबद्ध हुआ, इसलिए हाईकोर्ट की प्रक्रिया पर असर नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट में इसमें करीब दो माह का समय लग सकता है।
330 करोड़ के प्रोजेक्ट में बनने थे 1263 फ्लैट- दुकान
यह प्रोजेक्ट गैम की सहयोगी दीपमाला इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पूरा कर रही थी। 2008 में भोपाल के इस सबसे महंगे 330 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ था। इसमें 1263 फ्लैट व दुकानें बननी थी। 288 प्रीमियम अपार्टमेंट, 22 पेंट हाउस, 349 दुकानें, 18 बड़ी दुकानें थी। 50 फ ीसदी बुकिंग हो चुकी थी। प्रोजेक्ट पर काम नहीं होने के विभिन्न कोर्ट में मामले दर्ज हुए। फिलहाल प्रोजेक्ट साइट वीरान पड़ी है। एडवाइजरी क्यों रू रेरा अधिनियम की धारा.8 में प्रावधान है कि ऐसे प्रोजेक्ट जिनमें आगे कोई कार्य होने की संभावना न होए उसे किसी सरकारी एजेंसी द्वारा पूरा कराने की एडवाइजरी रेरा जारी कर सकती है। सरकार इस पर विचार कर सकती है।
गैमन ने सहयोगी कंपनी के नाम की 1800 करोड़ की संपत्ति

गैमन इंडिया के सृष्टि सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट सीबीडी प्रोजेक्ट का कंस्ट्रक्शन कर रही दीपमाला इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने प्रोजेक्ट से अपना मुनाफा निकालने के बाद करीब 1800 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी पहले ही अपनी सहयोगी कंपनी सोनी- मोनी डेवलपर्स के नाम ट्रांसफ र कर दी है। इसके अलावा करीब 1200 करोड़ के अधूरे फ्लैट की भी रजिस्ट्री कर दी गई। इस रजिस्ट्री के लिए शासन से एनओसी तक नहीं ली गई।
पाइंटर्स
– 338 करोड़ रुपए की उच्चतम बोली लगाकर गैमन ने ली थी जमीन

– 14.8 एकड़ जमीन हासिल की थी री-डेंसिफि केशन प्रोजेक्ट के तहत
– 2013-14 में पूरा हो जाना चाहिए था प्रोजेक्ट का काम
– 10 साल पहले हुआ था गैमन के साथ अनुबंध
– 1288 यूनिट पूरे प्रोजेक्ट में बनाना थे

– 195 थ्री बीएचके फ्लैट
– 32 फ ोर बीएचके फ्लैट

– 16 पेंट हाउस
– 520 ऑफि स
– 176 शो रूम
– 349 दुकानें

– 1153 कवर्ड शॉपिंग स्पेस
– 40 अरब रुपए का पूरा प्रोजेक्ट

– 15 लाख वर्गफ ीट का प्रोजेक्ट चार ब्लॉक है।

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