आर्किटेक्ट ने पीडब्ल्यूडी की प्रोजेक्ट इम्पलीमेंट यूनिट को नक्शा बनाकर दे दिया है। अक्टूबर में इसका निर्माण शुरु हो जाएगा। इसे तैयार करने में सुप्रीम कोर्ट, मानव अधिकार आयोग के द्वारा तय की गई गाइड लाइन का सौ प्रतिशत पालन किया जाएगा।
जेल कॉम्प्लेक्स दो से तीन साल के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा। इस कॉम्प्लेक्स में कैदियों की सुरक्षा,अच्छा वातावरण और उनमें बदलाव लाने से संबंधित सभी तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।
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काम्पलेक्स में अलग-अलग तरह के कैदियों को अलग-अलग जेल बनेगी। इसमें सजायाफ्ता कैदियों से दूर विचाराधीन कैदियों का काम्प्लेक्स बनाया जाएगा। केन्द्रीय जेल में एक हजार कैदियों को तथा जिला जेल में 710 तथा खुली जेल में बीस से अधिक लोगों को रखने की व्यवस्था होगी। यहां 18 साल के उम्र से कम बच्चों को भी रखने के लिए व्यवस्था तथा किशोर सुधार गृह भी बनाया जाएगा।
खुली जेल – जो बंदी 12 साल की सजा पूरी कर चुके हैं और उनका रिकॉर्ड अच्छा रहा है उन्हें खुली जेल में रखा जाएगा। इसकी क्षमता 20 लोगों को रखने के लिए होगी। दिन में जेल से बाहर काम-धंधा करके वे शाम को यहां रहेंगे।
– दिव्यांग जेल- दिव्यांगों के चलने फिरने के लिए व्हील चेयर, शौचालय, बिस्तर सहित अन्य व्यवस्था की जाएगी। फर्स पर ब्रेल लिपि से युक्त संकेत लगाए जाएंगे। दीवार के चारों तरफ रैलिंग की व्यवस्था की जाएगी जिससे वे इसके सहारे चल-फिर सकें। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए जो भी आवयकता की जेल में होने चाहिए , वह सब उपलब्ध होगी।
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– थर्ड जेंटर जेल- थर्ड जेंडर जेल में अन्य जेल की तुलना में काफी कम जगह होगी। इसका परिसर महिला जेल की तरह डिजाइन किया जाएगा। इसमें महिला और पुरूष दोनों की जेल प्रहरी होंगे।
– वृद्ध जेल- वृद्धों के लिए अगल से जेल बनाई जाएंगी। इसमें दो परिसर होंगे एक महिलाओं के लिए होगी और उसके बगल में पुरुषों के लिए जेल बनाई जाएगी। इसका डिजाइन वृद्धों की जरूरत और उनकी सुविधा के अनुसार तैयार किया जाएगा।
– किशोर बंदी सुधार गृह – परिसर में किशारे बंदी सुधार गृह भी बनाया जाएगा। इसमें 18 साल या उससे कम बच्चों को रखा जाएगा। इनको सुधार, शिक्षा, कौशल विकास सहित तमाम तरह की सुविधाएं दी जाएगी।
– खूंखार के लिए अंडाकार जेल – खूंखर अपराधियों के लिए अंडाकार जेल बनेगी। इसमें ऊपर से लोहे की जाली लगाई जाएगी। जाली के पास ही प्रहरियों के लिए गार्ड रूम बनाया जाएगा। इसके अलावा यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे प्रहरी कैदयों पर नजर रखेंगे।
– स्कूल-अस्पताल और मनोरंजन केन्द्र – जेल काम्पलेक्स में प्राथमिक तथा मिडिल स्कूल भवन बनाए जाएंगे। कैदियों के बेहतर इलाज के लिए परिसर में प्राथमिक अस्पताल बनाई जाएगी। कैदियों रोजगार से जोडऩे और कौशल विकास के लिए कम्प्यूटर टाइपिंग, रिपयरिंग, मोटर मैकेनिक, सिलाई-कढ़ाई सहित अन्य प्रशिक्षण दिए जाएंगे। कदियों को संगीत सुनने, सांस्कृति कार्यक्रम करने, संगीत विद्या सीखने सहित अन्य मनोरंजन के लिए आडिटोरिया बनाया जाएगा।
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छिंदवाड़ा में खुली जेल बनाई जाएंगी। यह काम पीआइयू को दिया गया है। यह एक अलग तरह की जेल होगी। खुली जेल के साथ ही इसमें हर तरह के कैदियों को अलग-अलग रखने की व्यवस्था होगी। – संजय चौधरी, डीजी जेल
जेल काम्प्लेक्स के निर्माण का काम अक्टूबर से प्रारंभ किया जाएगा। इसे बनाने के लिए आर्किटेक्ट द्वारा नक्शा तैयार कर लिया गया है। – विजय सिंह वर्मा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर (पीआइयू) लोक निर्माण विभाग