डॉक्टरों ने सीखा तरीका
लाइव डिमॉन्स्ट्रेशन कराने वालीं एफओजीएसआइ की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. प्रीति कुमार ने कहा, इस नई तकनीक से सर्जरी से होने वाले प्रसवों की संख्या कम होगी। डिमॉन्स्ट्रेशन के दौरान ट्रेनर्स डॉ. पूनम शिव कुमार, डॉ. सूची जैन ने इसे बेहतर तरीके से किया। अब विशेषज्ञ अपने मेडिकल कॉलेज में इस तकनीक की ट्रेनिंग देंगे। इससे मप्र समेत पूरे देश में सर्जरी से होने वाले प्रसव की संख्या कम होगी।देश में चार साल में बढ़ी सिजेरियन डिलीवरी
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस) के अनुसार देश में सर्जरी से होने वाले प्रसव में वृद्धि दर्ज की गई है। एनएफएचएस 4 में 2015-16 में सर्जरी से 17.2% बच्चे का जन्म हुआ। वहीं 2019-21 तक आंकड़ा बढ़कर 21.5% हो गया। शहरी क्षेत्रों में यह 32% से अधिक रहा।ये भी पढ़ें: मध्यप्रदेश की मोड़ी का राजस्थान की छोरी पे आया दिल, हिंदू रीति-रिवाज से हुई शादी