प्रदेश के हरदा, होशंगाबाद सहित आठ-दस जिलों में ग्रीष्मकालीन मूंग, उड़द की खेती की जाती है। कृषि विभाग ने मूंग और उड़द के बीज किसानों को समितियों के जरिए उपलब्ध कराया था। बीज खरीदते समय किसानों से पूरी राशि ली थी, जिसमें उन्हें अनुदान की राशि किसानों के बैंक खाते में वापस करने के लिए का वादा किया था।
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किसानों ने एक साल पहले बीज समितियों से खरीदा था, लेकिन उन्हें उनके खाते आज तक अनुदान की राशि नहीं ट्रांसफर की गई है। ऐसा तब है जबकि किसान कृषि विभाग के मुख्यालय से लेकर स्थानीय कार्यालयों के कई बार चक्कर लगा चुके हैं।
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व्यवस्थाएं बदलने से हुई समस्याएं
किसानों को बीज खरीदी में प्रति वर्ष अनुदान दिया जाता है। पहले ट्रेजरी से उनके खाते में अनुदान राशि दी जाती थी। इस वर्ष केन्द्र सरकार ने निर्देश दिए कि बीज अनुदान योजना के लिए जिले स्तर पर किसानों के बैंक खाते अलग से खोले जाएं और जिला स्तर पर अधिकारी खाते में अनुदान की राशि ट्रांसफर करें। अब जाकर कृषि विभाग ने जिला कृषि अधिकारियों के नाम से खाते खोलने के संबंध में वित्त विभाग से अनुमति मांगी है, ताकि किसानों के खाते में रशि ट्रांसफर कर दी जाए।