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भोपाल

कर्ज में डूबे किसान व पूर्व सरपंच ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

रायसेन व अशोकनगर जिले में हुई दो आत्महत्याओं की घटनाओं में एक किसान व एक पूर्व सरपंच ने आत्महत्या कर ली है।

भोपालNov 08, 2017 / 12:31 pm

दीपेश तिवारी

crime cases
भोपाल। एक ओर जहां देश की दोनों बड़ी पार्टियां इस समय नोटबंदी के पक्ष में व विपक्ष में खड़ी हुई हैं। वहीं प्रदेश के किसानों की आत्महत्या का सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। प्रदेश रायसेन व अशोकनगर जिले में हुई दो आत्महत्याओं की घटनाओं में जहां एक किसान ने रायसेन में आत्महत्या कर ली है,वहीं अशोकनगर में एक पूर्व सरपंच फांसी पर झूल गया।
जानकारी के अनुसार रायसेन के गैरतगंज से 4 किमी दूरी पर के स्थित ग्राम गोपालपुर निवासी किसान हमीर सिंह लोधी पिता भोगीराम लोधी आयु लगभग 42 वर्ष ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
लोगों का कहना है कि किसान हमीर सिंह लोधी कर्ज में डूबा था और फसल खराब होने से दुखी था। आरोप है कि इस किसान को बिजली बिल बकाया होने पर बिजली विभाग वाले परेशान कर रहे थे। वहीं बैंक से नोटिस व महाजनी कर्ज ने मानसिक रूप से तोड़ दिया था। जिसके चलते बीती रात उसने अपने खेत के पास स्थित जंगल में फांसी लगा ली। किसान की चार बेटियां और एक बेटा है।
परिजनों का कहना है कि कल दोपहर से ही हमीर सिह खेत पर जाने की बात कह कर घर से निकला था, लेकिन रात होने तक घर नहीं लौटा, देर रात जब परिजनों आ्रैर ग्रामीणों ने तलाशी की तब भी रात में हमीर का कोई पता नही चला, किन्तु सुबह ग्रामीणों ने जंगल में पेड़ पर हमीर का शव लटकाया पाया।
इधर,आवास योजना निगल गई, पूर्व सरपंच की जान :-
अपने कार्यकाल में जिस सरपंच ने गांव के कई लोगों को सिर के लिए छत मुहैया कराई थी, वहीं छत उसकी मौत का कारण बन गई। दरअसल, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अपना आवास बनाने वाला पूर्व सरपंच बैंक से लिए गए कर्ज की किस्तें समय पर जमा नहीं कर पा रहा था। आरोप है कि इस कारण बैंक अधिकारी उसके घर में ताला डालने के अलावा जेल भेजने की धमकी भी दे रहे थे।

परिजनों के अनुसार रविवार के दिन भी बैंक अधिकारी गांव आए थे और मृतक को धमकी भी दी थी। तभी से मृतक बेहद चिंतित था, यही कारण रहा कि मंगलवार की देर रात पूर्व सरपंच ने घर में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। हालांकि, बैंक अधिकारी मृतक पर बेहद कम कर्ज होने की बात कहकर मामले की जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं।
यह है मामला :
जानकारी के अनुसार अशोकनगर के ईसागढ़ ब्लॉक की मानकचौक ग्राम पंचायत में पूर्व सरपंच जीवनलाल साहू अपनी पत्नि भुरिया बाई और छोटे बेटे अनिल के साथ रहते हैं। जबकि उनका बड़ा बेटा गुना में मजदूरी करता है। मृतक के बेटे अनिल ने बताया कि उनके बड़े भाई सुनील के नाम पर मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कुटीर के लिए मध्यांचल ग्रामीण बैंक की ईसागढ़ शाखा से वर्ष 2013 में लोन लिया था। बैंक के कर्ज की कुछ राशि उन्होंने आषाढ़ के महीने में जमा कर दी थी। वहीं शेष किस्त की व्यवस्था ही नहीं हो पा रही थी। मृतक के पुत्रों ने बताया कि उन्होंने कुल 10 बीघा जमीन में उड़द की फसल बोई थी जिसमें महज तीन कि्वटल ही निकली। यही नहीं बीते पांच सालों से फसल की कुछ यही स्थिति है। यही कारण है कि वह बैंक की किस्त जमा नहीं कर पा रहे थे।
बहू के गहने बेचकर जमा किए थे पांच हजार
मृतक की पत्नि भुरिया बाई ने बताया कि आषाढ़ के महीने में बैंक अधिकारी उनके घर आए थे। बैंक अधिकारियों ने कहा कि आवास योजना की किस्त जमा करो नहीं तो तुम्हारे उपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद उसके पति जीवनलाल ने अपनी बड़ी बहू के जेवर बेचकर पांच हजार रूपए की व्यवस्था की और आवास योजना की किस्त जमा की।
०5 नबंवर को बैंक से एक बार फिर अधिकारी गांव पहुंचे और जीवनलाल को धमकी दी। इसके बाद मृतक ने बड़ी मुश्किल से एक हजार रुपए की व्यवस्था कर बैंक के अधिकारियों को दिए। भुरिया बाई ने बताया कि इसके बाद उनके पति चिंतित रहने लगे। न तो किसी से बात करते, नहीं कुछ खाते पीते। आखिर में मंगलवार की सुबह उन्होंने अपने पति को घर में ही फांसी पर झूले देखा।
रात 11 बजे सोया था परिवार
मृतक के छोटे बेटे अनिल ने बताया कि हर दिन की तरह उनका परिवार सोमवार की रात 11 बजे सोया था। वह और उसकी मम्मी भुरिया बाई अंदर वाले कमरे में सो रहे थे, जबकि उसके पापा जीवनलाल उम्र 62 साल बाहर वाले कमरे में सो रहे थे।
सुबह लगभग 6 बजे उसकी मम्मी की नींद खुली तो उन्होंने पापा को फांसी पर लटका देखा। इसके बाद ग्रामीण एकत्रित हो गए और पुलिस को सूचना दी। सूचना पर टीआई जीबी सुमन के अलावा अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और मृतक को पीएम के लिए ईसागढ़ अस्पताल लाया गया। पीएम के बाद मंगलवार की दोपहर लगभग तीन बजे मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मृतक जीवनलाल के पुत्र सुनील साहू ने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 60 हजार रूपए का कर्ज लिया था। अभी लगभग 40 हजार रूपए का कर्ज और बकाया है। रविवार को फील्ड आफीसर महेन्द्र जैन मानकचौक वसूली के लिए गए थे। तब जीवनलाल ने 1 हजार रूपए भी दिए थे। कर्ज की राशि इतनी बड़ी नहीं थी कि कोई आत्महत्या जैसा कदम उठा ले। हो सकता है कि आत्म हत्या के पीछे कोई और बात रही हो। समयाभाव के कारण कभी-कभी रविवार को भी बसूली करना पड़ती है।
– प्रकाश श्रीखंड, शाखा प्रबंधक मध्यांचल ग्रामीण बैंक ईसागढ़
सूखा प्रभावित जिला घोषित होने के बाद भी बैंक अधिकारी बसूली में लगे हैं। यह जनता के साथ कैसा न्याय है। वह इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाएंगे। साथ ही वह जल्द ही पीडि़त परिवार से मिलकर हर संभव सहायता मुहैया कराने का प्रयास करेंगे। बैंक अधिकारियों को ऐसे मामलों में संवेदनशीलता बरतने की जरूरत है।
– गोपाल सिंह चौहान, विधायक ईसागढ़-चंदेरी
गैरतगंज-मृतक किसान के परिजनों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन :
गैरतगंज तहसील के ग्राम गोपालपुर में किसान द्वारा आत्महत्या की घटना के बाद किसान के परिजनों और नगर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। एक ट्राली में किसान का शव लेकर हाईवे पर पहुंचे लोगों ने जाम लगा दिया। लगभग 15 मिनट बाद पुलिस की समझाइश पर जाम खत्म कर दिया, लेकिन सभी लोग एकत्र होकर तहसील पहुंच गए।
जहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए एसडीएम केआर चौकीकर को ज्ञापन सौंपा। जिसमें मृतक किसान के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने और मृतक किसान सहित क्षेत्र के अन्य किसानों को बड़ी राशि के बिजली बिल देने वाले बिजली कंपनी के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।

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