● पलकों के ऊपर पीले रंग का गाढ़ा और चिपचिपा पदार्थ बनना।
आइफ्लू होने पर यह करें
● आंखों को हाथ से ना छुएं।
● पानी से आंखों को बार-बार धोते रहें।
● हाथों को साफ रखें।
● टीवी, मोबाइल व ऐसी चीजों से दूरी रखें जिन्हें अन्य लोग भी इस्तेमाल करते हैं।
● आइ फ्लू होने पर बच्चों को स्कूल न भेजें।
● काला चश्मा पहनने से राहत मिलेगी।
डॉक्टर बोले-हाथों को आंख से दूर रखें, बचे रहेंगे
हमीदिया अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ डॉ.एसएस कुबरे के अनुसार इस बार आई फ्लू के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। जबकि, बैक्टीरियल आई फ्लू के एक-दो केस ही ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनके बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कि लोग आंखों से हाथ को दूर रखें। क्योंकि, बार-बार आंख छूने पर ही यह बीमारियां फैलती हैं। हमीदिया की नेत्र विभाग ओपीडी में मरीजों का इलाज कर रहे पीजी स्टूडेंट्स भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
वायरस ने बदला पैटर्न
डॉ. कुबरे ने बताया कि आई फ्लू जिसे आम बोलचाल में आंख आना कहा जाता है। यह एडिनो वायरस के कारण होती है। यह हर साल इस मौसम में सक्रिय हो जाता है। मगर इस बार यह ज्यादा संक्रामक है। यह छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में हो रहा है। जबकि, कोरोना से पहले ज्यादातर युवा ही इस बीमारी की चपेट में आते थे। यही नहीं इन मरीजों में चार से पांच दिन बाद कॉर्निया में छोटे-छोटे सफेद निशान पड़ते हैं। जो ठीक होने में लंबा समय लेते हैं। जिससे व्यक्ति को धुंधला दिखने की समस्या रहती है।