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मतदाता खुद सही कर सकेंगे वोटर आइडी में नाम और पता
मध्य प्रदेश के लिए राजधानी भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट विध्यालय से इलेक्टर्स वेरिफिकेशन प्रोग्राम की शुरुआत 1 सितंबर से की गई। इस दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि, निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रदेश में 1 सितंबर से वोटर कार्ड वेरिफिकेशन का कार्य शुरु किया गया है। राजधानी समेत प्रदेशभर के 75 लाख से अधिक ब्लैक एंड व्हाइट वोटर आइडी को कलर वोटर आइडी में निशुल्क बदला जाएगा। इस पोर्टल पर मतदाता आईडी (ID) बनाकर रजिस्ट्रेशन करने के बाद वोटर कार्ड में संशोधन कर सकता है। परिवार के नए सदस्यों का नाम जोड़ने, ब्लैक एंड व्हाइट मतदाता कार्ड को कलर्ड बनवाने के लिए पोर्टल की मदद से ही आवेदन किये जा सकेंगे। सिर्फ सपोर्टिंग दस्तावेज़ के साथ आवेदन करना होगा। उन्होंने बताया कि, शुरु हुई प्रक्रिया के तहत वोटर कार्ड में नाम, डेट ऑफ बर्थ, एड्रेस जैसी जरूरी चीजों को अपडेट या चेंड करने के लिए बीएलओ (BLO) पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। ऑनलाइन nsvp पोर्टल पर प्रदेश समेत देशभर के सभी मतदाताओं को ये सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
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देशभर में इस तरह चलाया जा रहा प्रोग्राम
वहीं, राजधानी दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह के मुताबिक, शुरु हुए प्रोग्राम के तहत हर परिवार से एक वोटर को यूजर नेम और पासवर्ड मिलेगा, जिससे वो वोटर रजिस्ट्रेशन से जुड़े सारे दस्तावेज अपलोड कर सकेगा और अपने एवं अपने परिवार के बारे में पूछे गए ब्यौरा को उसमें डाल सकेगा। वहीं, ऑफ लाइन प्रक्रिया के तहत बीएलओ द्वारा घर आकर वेरिफिकेशन किया जाएगा। ऑनलाइन प्रोसेस आपकी ओर से पूरी की जाने के कारण समय की काफी बचत हो सकेगी। इस कदम का मकसद वोटर लिस्ट का आकलन करना, सेल्फ वेरिफिकेशन और अगर कोई गलती रह गई तो उसे दुरुस्त करने के लिए सशक्त बनाना है। रणबीर सिंह ने बताया कि, ‘मेगा मिलियन’ की शुरुआत सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में की गई है। इसे राज्य मुख्यालय स्तर पर 36 सीईओ, जिला स्तर पर 740 जिला चुनाव अधिकारी और करीब दस लाख चुनाव केंद्रों पर चुनाव पंजीकरण अधिकारी करेंगे।
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दो चरणों में होगा वेरिफिकेशन, जानिए प्रोसेस
आपको करना होगा यह होगा कि, वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के लिए पहले चुनाव आयोग के अधिकारिक पोर्टल nvsp.in पर मोबाइल नंबर, मतदाता कार्ड नंबर और ई-मेल के साथ रेजिस्टर करना होगा। इसे गूगल प्ले स्टोर से वोटर हेल्पलाइन एप के जरिये भी किया जा सकता है। हर वोटर के सत्यापन में एक आईडी अपलोड करनी है। जब मतदाता अपनी ओर से सभी जानकारियों को वेरिफाई कर देगी तब बीएलओ का काम शुरु होगा। बीएलओ संबंधित मतदाता के घर जाकर स्मार्टफोन या लेपटॉप की मदद से वोटर को वेरिफाई करेगा। ये वेरिफिकेशन वोटर आईडी और बाकी डॉक्यूमेंट के आधार पर किया जाएगा।
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ऑफलाइन वेरिफिकेशन की भी व्यवस्था
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, जो लोग ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करने में सक्षम नहीं हैं, तो उनके लिए ऑफलाइन वोटर वेरिफिकेशन व्यवस्था भी की गई है। इसके लिए आयोग द्वारा 70 वोटर सेंटर बनाए गए हैं, जहां ज़रूरी कागजात के साथ पहुंचकर वेरिफिकेशन कराया जा सकता है। साथ ही एक और विकल्प है इसमें चुनाव आयोग ने कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के साथ MOU साइन किए हैं। इनमें देशभर में अब तक 550 कॉमन सर्विस सेंटर वेरिफाई किये जा चुके हैं। इसकी सुची सीईओ दिल्ली की वेबसाइट पर उपलब्ध है। वहां पहुंचकर मतदाता अपनी सुचना जांचने के बाद एक आईडी देकर खुद को वेरिफाई करवा सकते हैं। इस प्रक्रिया के तहत फॉर्म भरने के 1 रुपये, फोटो अपलोड करने के लिए 2 रुपये और एक डॉक्यूमेंट अपलोड करने के 2 रुपये खर्च होंगे।
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