बुजुर्गों के लिए कितने काम के हैं ये एप्स ?
1-सेफ्टी के लिए एप
बुजुर्ग कहीं भी रहे इसके लिए आपको फिक्र करने की आवश्यता नहीं है। ये एप बुजुर्गों के फोन में इंस्टॉल करने से वे कहीं से भी उन्हें फोन की मदद से ट्रेक किया जा सकता है। साथ ही, एक इनमें एक पैनिक बटन भी होता है जिससे परिजनों तक सूचना पहुंच जाती है।
2-दवा का समय याद दिलाने वाला ऐप
प्ले स्टोर पर कई ऐसे ऐप्स मौजूद हैं, जो दवा लेने का समय याद दिलाते हैं। इनमें एक बार दवा का समय फीड करना होता है। उसके बाद हर दिन तय समय पर अलॉर्म बजता है। उसमें दवा का नाम भी लिखा होता है। इससे एक भी दिन दवा लेने से नहीं चूक सकते।
3-ऑडियो बुक ऐप
बुजुर्गों को अकसर किताबें पढ़ने का शौक होता है, लेकिन आंख संबंधी समस्या के कारण वे अधिक देर तक नहीं पढ़ पाते। ऐसे में उनकी मदद के लिए प्ले स्टोर पर ऑडियो बुक्स भी मौजूद हैं। इससे वे अपनी मनचाही किताब को सुन सकते हैं।
4-फिट रखने के लिए एप
शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के लिए भी एप्स का लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें उम्र और बीमारी के अनुसार व्यायाम करना सिखाया जाता है। उन्हें हर दिन करने के लिए याद भी दिलाया जाता है। साथ ही, अच्छी डाइट, पानी पीने का समय भी एप बता रहे हैं। नींद की गुणवत्ता भी इससे जांची जा सकती है। इस तरह एप की मदद से फिट रहा जा सकता है।
5-गेम संबंधी एप
रिटायरमेंट के बाद अकसर लोगों के पास काफी खाली समय होता है। इस समय का उपयोग गेम खेलकर किया जा सकता है। अब समय की कमी के चलते घर के अन्य सदस्य उनके साथ नहीं खेल पाते हैं। लेकिन कई ऐसे ऐप्स मौजूद हैं, जिन पर वो ऑनलाइन दूसरे व्यक्तियों के साथ खेल सकते हैं।
क्या कहते हैं लोग ?
केस नंबर-1
शहर के अरेरा कॉलोनी में रहने वाली 82 साल की आशा देवी पिछले दो साल से अपनी दवाईयों के लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल कर रही हैं। वे बताती हैं कि, अब फोन में घंटी बज जाती है और मैं दवाई ले लेती हूं। अब मेरी दवाईयां समय पर ले लेती हूं।
केस नंबर-2
शहर के गौतम नगर में रहने वाले 74 साल के सुरेश कुमार को बचपन से किताबें पढ़ने का शौक था। लेकिन, बढ़ती उम्र के साथ आंखें कमजोर होती गई और उनका ये शौक अधूरा सा रहने लगा। लेकिन, अब वे ऑडियो बुक्स की मदद से फिर से किताबों से जुड़ गए हैं।
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