विश्व विद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने मध्य प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी को दिए निर्देश के अनुसार कॉलेजों में पहली साल में ही छात्र को रोजगार उन्मुख बनाने के लिए इंटर्नशिप कराए जिससे उनको प्रैक्टिकल नॉलेज मिल सके। यह व्यवस्था अब सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेज में लागू की गई है इसे अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा छात्र अन्य विकल्प भी चुन सकते हैं।
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देश में रोजगार उन्मुखी शिक्षा व्यवस्था बनाने के लिए ये बदलाव किए जा रहे हैं जिससे छात्रों को पढ़ाई के दौरान ही रोजगार से जुड़ी जानकारी मिल सके और भविष्य में जब वह अपनी पढ़ाई पूरी करके रोजगार की तलास करे तो उसे काम को समझने में आसानी हो जिसे वह पहले ही इंटर्नशिप में कर चुका है।
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नई व्यवस्था के तहत कॉलेज में पहले साल में प्रवेश के साथ ही छात्रों को इंटर्नशिप करनी होगी और उनके लिए अंक भी निर्धारित किए जाएंगे। छात्रों के पास इंटर्नशिप के लिए विषय को चुनने की छूट होगी जो विषय उसने स्नातक के लिए चयन किए हैं। छात्र सामाजिक सेवा से जुड़े कार्य भी कर सकेंगे जो किसी एनजीओ, सरकारी विभाग से जुड़े हो सकते हैं।