धार्मिक प्रसंगों, पर्यावरण संरक्षण और देशभक्ति की झांकी
चल समारोह में विद्युत सुसज्जित अनेक चलित झांकियां शामिल थी। बड़े-बड़े ट्रॉलों पर यह झांकियां थी, जिस पर अनेक धार्मिक प्रसंगों के साथ प्रेरक संदेशों को और राष्ट्रभक्ति को दर्शाया गया था। चौबदारपुरा तलैया पंचमुखी हनुमान मंदिर की झांकी में पुलवामा हमला और उसके बाद भारत द्वारा बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक को झांकी में दर्शाया गया है। दुर्गा चौक तलैया की झांकी में मां काली द्वारा राक्षसों का वध, भगवान शंकर द्वारा अंधकासुर का वध, रूक्मणी हरण, कृष्ण द्वारा कंस द्वारा भेजे गए हाथी से युद्ध को दर्शाया गया है। सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति रविदास मंदिर जिंसी चौराहा की झांकी में हिरण्याक्ष का वध, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा माखनचोरी, रासलीला, भीम द्वारा जरासंध वध, ब्रज की होली आदि को दर्शाया गया है। इसी तरह पर्यावरण बचाने के लिए पॉलीथिन मुक्ति, अधिक से अधिक पेड़ लगाने सहित कई प्रेरक प्रसंगों पर आधारित झांकियां भी चल समारोह में शामिल थी।
जगह-जगह स्वागत सत्कार
यह चल समारोह बस स्टैंड से प्रारंभ हुआ, जो अल्पना टॉकीज, सेंट्रल लायब्रेरी, इतवारा, मंगलवारा, हनुमानगंज, जुमेराती, सिंधी मार्केट, भवानी चौक सोमवारा होता हुआ अल सुबह कमलापति घाट पहुंचेगा। यहां प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।
भारत टॉकीज से निकला चल समारोह
नवयुग हिन्दू उत्सव समिति की ओर से भारत टॉकीज चौराहे से भी चल समारोह निकाला गया। यह चल समारोह भी रात्रि में 8:45 बजे शुरू हो गया। इस चल समारोह में 50 से अधिक प्रतिमाएं और झांकियां शामिल थी। ढोल, ढमाकों के साथ निकला यह चल समारोह सुल्तानिया अस्पताल, काली मंदिर, लिली टॉकीज चौराहा, लाल परेड ग्राउंड, रोशनपुरा, रंगमहल, न्यू मार्केट होता हुआ प्रेमपुरा घाट पहुंचेगा। चल समारोह का अनेक स्थानों पर स्वागत सत्कार किया गया। इसमें अखाड़े, गरबा मंडली आदि भी आकर्षण का केंद्र रहे।