बता दें सरोजनी नायडू सहित राजधानी के पांच शासकीय महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए ड्रेस कोड लागू है। सरोजनी नायडू में ड्रेस कोड 2017 में लागू किया गया था। इसको लेकर छात्राओं ने काफी विरोध किया था, लेकिन अंतत: प्रबंधन ने इसे लागू कर दिया। छात्राओं के लिए डे्रस कोड लागू करने के बाद प्रबंधन अब शिक्षिकाओं के लिए भी ड्रेस कोड लागू कर रहा है। सूत्रों की माने तो शिक्षिकाओं को भी महाविद्यालय की पहचान से जोडऩे के लिए ऐसा किया जा रहा है। साथ ही प्रबंधन का यह भी मानना है कि ड्रेस कोड होने से एक दूसरे को देखकर हीन भावना भी नहीं होगी।
प्राचार्य ने एमएलबी में भी लागू किया था डे्रस कोड
बता दें सरोजनी नायडू कन्या महाविद्यालय की वर्तमान प्राचार्य डॉ. मंजुला शर्मा ने एमएलबी में प्राचार्य रहते हुए यहां पर भी डे्रस कोड लागू किया था। हालांकि यहां पर साड़ी की जगह ओवरकोट को ड्रेस के रूप में चयनित किया गया था।
सरोजनी नायडू महाविद्यालय की प्राचार्य मंजुला शर्मा ने कहा कि कॉलेज में शिक्षिकाओं के लिए डे्रस कोड लागू किए जाने पर विचार किया जा रहा है। मुझसे पहले भी यहां पर जब डॉ. शोभना वाजपेयी मारू प्राचार्य थी तो समय भी ड्रेस कोड लागू किए जाने पर चर्चा हुई थी, लेकिन डे्रस कोड के रूप में क्या होगा यह सभी शिक्षिकाओं से चर्चा करने के बाद ही तय किया जाएगा।