scriptएमपी की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी के 400 करोड़ रुपए 11 साल से अटके, जानिए क्या है वजह | Dr Harisingh Gour Central University Latest News | Patrika News
भोपाल

एमपी की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी के 400 करोड़ रुपए 11 साल से अटके, जानिए क्या है वजह

केंद्रीय विवि बनाने के बदले केंद्र सरकार ने नहीं दिए रुपए, मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर कहा- पैसा मिलने पर करेंगे अटल बिहारी विवि का विकास

भोपालMar 01, 2020 / 02:19 am

govind agnihotri

Dr Harisingh Gour Central University Latest News

एमपी की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी के 400 करोड़ रुपए 11 साल से अटके, जानिए क्या है वजह

भोपाल. मध्यप्रदेश के सबसे पुराने डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार ने केंद्रीय विवि तो बना दिया, लेकिन उसके बदले में राज्य को दिए जाने वाले 400 करोड़ का भुगतान अभी तक अटका है। पिछले 11 वर्षों में केंद्र और राज्य की सरकार के बीच खींचतान चलती रही, लेकिन नतीजा नहीं निकला। अब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिखकर भुगतान के लिए कहा है।

सीएम ने कहा है कि केंद्र ये राशि देगा तो वे राजधानी में स्थित अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विवि के विकास और आधारभूत संसाधन जुटाने में धनराशि खर्च करेंगे। इसके पहले पोखरियाल के मध्यप्रदेश दौरे के दौरान भी मुख्यमंत्री की चर्चा हो चुकी है। पोखरियाल ने सीएम को आश्वासन दिया था।

11 साल से चल रहा है मामला
केंद्र सरकार ने हरिसिंह गौर विवि को 2008-09 में केन्द्रीय विवि का दर्जा दे दिया है। भूमि, भवन, सहित अन्य संसाधनों की कीमत करीब 400 करोड़ रुपए आंकी गई थी, जो केंद्र सरकार को देनी थी। तत्कालीन शिवराज सरकार ने देनदारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष पेश की थी।

बनाना पड़ा छतरपुर में नया विवि
सरकार ने केंद्र को यह भी बताया कि हरीसिंह गौर विवि सागर को केन्द्र विवि का दर्जा मिलने के बाद सरकार को छतरपुर जिले में महाराजा छत्रसाल विवि बनाना पड़ा। इस पर करीब 400 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इस राशि की पूर्ति केंद्र से होनी थी, लेकिन केन्द्र ने इस विवि बनाने पर कोई रशि नहीं दिया है।

Hindi News / Bhopal / एमपी की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी के 400 करोड़ रुपए 11 साल से अटके, जानिए क्या है वजह

ट्रेंडिंग वीडियो