सीएम ने कहा है कि केंद्र ये राशि देगा तो वे राजधानी में स्थित अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विवि के विकास और आधारभूत संसाधन जुटाने में धनराशि खर्च करेंगे। इसके पहले पोखरियाल के मध्यप्रदेश दौरे के दौरान भी मुख्यमंत्री की चर्चा हो चुकी है। पोखरियाल ने सीएम को आश्वासन दिया था।
11 साल से चल रहा है मामला
केंद्र सरकार ने हरिसिंह गौर विवि को 2008-09 में केन्द्रीय विवि का दर्जा दे दिया है। भूमि, भवन, सहित अन्य संसाधनों की कीमत करीब 400 करोड़ रुपए आंकी गई थी, जो केंद्र सरकार को देनी थी। तत्कालीन शिवराज सरकार ने देनदारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष पेश की थी।
बनाना पड़ा छतरपुर में नया विवि
सरकार ने केंद्र को यह भी बताया कि हरीसिंह गौर विवि सागर को केन्द्र विवि का दर्जा मिलने के बाद सरकार को छतरपुर जिले में महाराजा छत्रसाल विवि बनाना पड़ा। इस पर करीब 400 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इस राशि की पूर्ति केंद्र से होनी थी, लेकिन केन्द्र ने इस विवि बनाने पर कोई रशि नहीं दिया है।