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Wild Wild Country: फिर चर्चाओं में ओशो, मां आनंद शीला ने खोले रहस्य के पन्ने

Wild Wild Country: फिर चर्चाओं में ओशो, मां आनंद शीला ने खोले रहस्य के पन्ने

भोपालAug 03, 2018 / 06:50 pm

Manish Gite

osho

Wild Wild Country: फिर चर्चाओं में ओशो, मां आनंद शीला ने खोले रहस्य के पन्ने

 

भोपाल। भगवान रजनीश (ओशो) पर बनी ऑनलाइन डाक्यूमेंट्री फिल्म ने फिर ओशो और उनसे जुड़े विवादों को सुर्खियों में ला दिया है। इस डाक्यूमेंट्री फिल्म में ओशो के बाद जिस कैरेक्टर को ज्यादा तवज्जो दी गई है वह मां आनंद शीला ही हैं। शीला दो दशकों से स्विट्जरलैंड में रहती हैं। वहां दो नर्सिंग केयर होम का संचालन करती हैं। इस डाक्यूमेंट्री से सुर्खियों में आने के बाद उन्होंने हाल ही में एक हिन्दी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कई राज की बातें की।

 

दुनियाभर में आज भी चर्चित हैं ओशो

मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के कुचवाड़ा गांव में जन्मे ओशो को लोग भगवान रजनीश के नाम से जानते हैं। बहुत कम ही लोग जानते हैं कि उनका असली नाम चंद्र मोहन जैन था। मध्यप्रदेश के भोपाल समेत कई शहरों में उनके अनुयायी हैं और उनके ध्यान केंद्र चलते हैं। मध्यप्रदेश की शख्सियत होने के कारण हमेशा रजनीश के बारे में लोग उन्हें जानना चाहते हैं।

सीरिज वाइल्ड वाइल्ड कंट्री
नेटफ्लिक्‍स (Netflix) ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म सीरीज ‘वाइल्ड वाइल्ड कंट्री’ में रजनीश के आश्रम का भारत से अमेरिरका शिफ्ट होने की कहानी को दर्शाया गया है। इस डाक्यूमेंट्री में ओशो के बाद सबसे अहम किरदार शीला रही। बरसों पहले भारत छोड़कर स्विट्जरलैंड में बस चुकी उनकी करीबी मा आनंद शीला इन दिनों फिर सुर्खियों में आ गई हैं। उन्होंने हाल ही में एक हिन्दी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में ओशो और उनके संबंधों का खुलासा किया है।

 

आइए जानते हैं क्या कहती हैं मां आनंद शीला…।

-मां आनंद शीला ने कहा कि उनको जीवन में किसी चीज का कोई पछतावा नहीं है। उन्‍होंने कहा कि वह एक विजेता हैं और जीवन में सबसे जरूरी बात यही है, क्‍योंकि सभी हारा हुआ महसूस करते हैं।

-शीला ओशो की 1981 में निजी सचिव बनीं थी। अमेरिका के ओरेगन प्रांत में ओशो के शिष्‍यों ने रजनीशपुरम के नाम से 64,000 एकड़ जमीन पर हजारों समर्थकों ने मिलकर एक आश्रम बसाया। शीला अकेले उसका संचालन करती थीं।

-मूल रूप से गुजरात के बड़ौदा से ताल्‍लुक रखती मां आनंद शीला का असली नाम शीला अंबालाल पटेल है। 18 साल की उम्र में अमेरिका पढ़ने के लिए गई थीं, वहीं पर शादी भी की और 1972 में आध्‍यात्मिक अध्‍ययन के लिए अपने पति के साथ भारत वापस लौटीं। यहां वे रजनीश के शिष्‍य हो गए। बाद में उनके पति की मृत्‍यु हो गई।
-इस डॉक्‍यूमेंटी में भी शीला ने बताया है कि ओशो के साथ पहली मुलाकात हुई, उन्होंने सिर पर हाथ रखा। ऐसा लगा कि उनके जीवन का मकसद पूरा हो गया।

 

अपनी किताब में भी लिख चुकी हैं राज की बातें
ओशो की शिष्या और उनकी प्रेमिका रही शीला ने अपनी किताब में भी ओशो और उनके आश्रम के भीतर का सच उजागर किया था। इस किताब का नाम डोंट किल हिम! ए मेम्वर बाई मा आनंद शीला था।

-प्रेमिका शीला की किताब के अनुसार ओशो के आश्रम में अध्यात्म के नाम पर जो शिविर होते थे, उसमें सबसे ज्यादा चर्चा का विषय सेक्स होता था। ओशो खुद अपने भक्तों को सेक्स के बारे में बताते और कहते कि सेक्स की इच्छा को दबाना नहीं चाहिए, ये कई कष्टों का कारण हो सकता है। किताब में इस बात का जिक्र भी है कि आश्रम का हर संन्यासी महीने में 90 लोगों के साथ सेक्स करता था।

-मां आनंद लिखती हैं कि भगवान ओशो को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और वे भक्तों को सेक्स की इच्छा नहीं दबाने के लिए कहते। उनकी बातों से आश्रम के संन्यासी बेफिक्र होकर सेक्स करते थे।

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