मध्यप्रदेश में बीजेपी नेता और पूर्व महापौर आलोक शर्मा के बयान पर सियासत तेज हो गई है। बता दें कि, मुस्लिम मतदाताओं को लेकर आलोक शर्मा ने कहा है कि, आप हमें वोट तो दोगे नहीं, इसलिए वोट डालने ही मत जाना। अब इस मामले में कांग्रेस ने भाजपा नेता के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अल्पसंख्यक मतदाताओं को धमकाने और उनके मताधिकार से वंचित करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह को इस संबंध में पत्र लिखते हुए भाजपा नेता आलोक शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
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आलोक शर्मा के इस बयान पर बवाल
शुक्रवार को रतलाम जिले के जावरा में आयोजित भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में भाजपा नेता आलोक शर्मा ने विवादित बयान दिया है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए आलोक शर्मा के बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में भाजपा नेता आलोक शर्मा कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि, ‘मुस्लिम भाइयों से कहना चाहता हूं कि, तुम भाजपा को वोट तो दोगे नहीं, वोट मत देना… पर दिल से स्वीकार तो करो कि, जिस मकान में तुम रह रहे हो, ये मकान प्रधानमंत्री आवास योजना में तुम्हें मिला है।’
मीडिया के कैमरे बंद करवाए
भाजपा नेता आलोक शर्मा ने कहा, वोट नहीं देना, मत दो पर एक काम तो करो मेरे भाई, हमने इतना किया है तो तुम इतना तो करना, वोट मत देना, पर वोट डालने भी मत जाना। भैय्या इतना ही कर दो यार। हालांकि, इस बयान को देने के बाद उन्होंने मौके पर वीडियो बना रहे मीडियाकर्मियों के कैमरे तक ‘बंद करो यार’ कहते हुए हाथ के इशारे से बंद करवा दिए।
फिर शुरु हुआ विवादित बयानों का सिलसिला
भाजपा नेता आलोक शर्मा के बयान जब मीडिया के कैमरे में कैद हुए तो उन्होंने सकपकाते हुए कहा कि, अरे बंद करो यार। फिर मंच के नजदीक लगे कैमरे बंद हो गए। इसके बाद भी भाजपा नेता नहीं रुके और उन्होंने विवादित बयानों का सिलसिला शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, “जो कहते हैं खुलकर कहते हैं, वोट नहीं देना मत दो, पर एक काम तो करो मेरे भाई हमने इतना किया है, तो तुम इतना तो करना वोट मत देना, पर वोट डालने भी मत जाना भैय्या इतना ही कर दो यार।”
मुस्लिम समाज को वोट न देने की सलाह
आलोक शर्मा के बयान में मुस्लिमों को वोट नहीं देने की सलाह देना लोकतंत्र के खिलाफ है। देश और प्रदेश के लोकतंत्र में सबसे पहले अपना मतदान करने की आवाज शुरू होती है। जिला, तहसील, प्रदेश, सभी जगह अधिकारी जनता को ज्यादा से ज्यादा मतदान करने के लिए प्रेरित करते हैं और ऐसे में बीजेपी जैसे बड़े राजनीतिक दल के प्रादेशिक नेता द्वारा वोट न देने की सलाह देना लोकतंत्र का अपमान कहना गलत नहीं होगा।