बता दें कि, विदिशा जिले की सिरोंज जनपद पंचायत द्वारा कोरोना काल में 5 हजार 923 विवाहों की स्वीकृति करके इसके लिए 30 करोड़ 18 लाख 39 हजार रुपए का भुगतान भी कर दिया था। मामला विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सिरोंज से भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने उठाया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह को जांच के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोटाले पर नाराजगी जाहि करते हुए जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद सीईओ शोभित त्रिपाठी को निलंबित कर दिया था।
यह भी पढ़ें- आप भी यूज करते हैं क्रेडिट कार्ड तो हो जाएं सावधान, ये लापरवाही करवा देगी ठगी के शिकार
EOW ने की FIR
करीब एक माह पहले ईओडब्ल्यू द्वारा सीईओ शोभित त्रिपाठी समेत अन्य संबंधितों के विरूद्ध मामला दर्ज किया था। वहीं, जांच में पता चला कि, कोरोना महामारी के समय लगे लॉकडाउन में जब सरकार द्वारा ही सार्वजनिक विवाह कार्यक्रमों को प्रतिबंधित किया गया था, तब सिरोंज जनपद पंचायत के सीईओ ने एक अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के बीच 3500 हितग्राहियों को विवाह सहायता के नाम पर राशि बांट दी।
यह भी पढ़ें- इस शहर में है चोरों का आतंक, रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर के घर पर लाखों की चोरी
जांच में सामने आई ये बातें
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि, इस फर्जीवाड़े में कई लोग शामिल हैं, जिनकी शादी पहले ही हो चुकी थीं। उनके नाम पर भी सरकारी सहायता राशि निकाली गई है। इसके अलावा, एक 27 साल के युवक है, योजना के तहत उसकी तीन बेटियों की भी शादी करा दी गई। तीनों के नाम पर 51-51 हजार रुपए स्वीकृत कर पैसे भी दे दिए। कई ऐसे लोग भी सामने आए, जिन्होंने सहायता के लिए आवेदन भी नहीं दिया था। जांच एजेंसी को कई हितग्राहियों के दस्तावेज भी नहीं मिले। माना जा रहा कि घोटाला उजागर होने के बाद अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के दस्तावेज गायब कर दिए। एसडीएम के अलावा अन्य कर्मचारियों की भी भूमिका को लेकर जांच की जा रही है। हालांकि, मामला सामने आने के बाद शोभित त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया था।
खुली जीप पर दुल्हन का डांस हो रहा जमकर वायरल, देखें वीडियो