चुनावी साल में सरकार और विपक्ष में एक-दूसरे की कमजोर कड़ियों और खामियों को गिनाने में जुटी हुई हैं। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समय-समय पर भाजपा के विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने में लगे रहते हैं। इसी कड़ी में अब दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार के जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए उनके कार्यकाल और अब के भाजपाई कार्यकाल में प्रदेश की साक्षरता दर को लेकर बड़ा हमला किया है।
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दिग्विजय सिंह का हमला
इस संबंध में दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘हमारी सरकार ने राजीव गांधी शिक्षा मिशन, पढ़ना बढ़ना और शिक्षा गारंटी जैसी योजनाओं पर ईमानदारी से किए अपने प्रयासों से नए मानक स्थापित किए थे। पुरुष साक्षरता दर में 18 फीसद की रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। साल 1993- 2003 कांग्रेस सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में काम करके जहां पूरे प्रदेश की साक्षरता दर बढ़ाने का काम किया तो वहीं महिलाओं की शिक्षा में मध्यप्रदेश की महिला साक्षरता दर में 21 फीसदी का उछाल देखने को मिला। उन्होंने आगे लिखा कि, हम अविभाजित मध्य प्रदेश की साक्षरता दर को एक दशक में सीमित संसाधनों के बावजूद 19 फीसदी आगे ले गए, लेकिन क्या कारण है कि, दो दशक की भाजपा सरकार में तमाम साधनों, संसाधनों व भारी बजट के बाद भी प्रदेश की साक्षरता दर में मामूली बढ़ोत्तरी हुई ?’
पूर्व मंत्री ने भी भाजपा को घेरा
वहीं, दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुएकहा कि, भाजपा जानती है कि, अगर लोग शिक्षित हो गए तो उन्हें वोट नहीं देंगे। भाजपा का यही विश्वास रहा इसी कारण उन्होंने शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया। संसाधन बढ़े लेकिन, साक्षरता नहीं बढ़ा पाए। दिग्विजय सिंह इंजीनियर हैं और साक्षरता समझ रहे थे, इसलिए वो शिक्षा पर काम कर रहे थे।
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भाजपा का पलटवार
दिग्विजय सिंह की ओर से किए गए ट्वीट को लेकर अपनी राजनीति भी गर्माने लगी है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी इस मामले पर पलटवार किया गया है। इस संबंध में भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का कहना है कि, दिग्विजय का शासनकाल काला रहा है। चारों ओर अंधेरा था, चारों ओर लुटेरा था। दिग्विजय सिंह अब अपने शासनकाल को लेकर सफाई दे रहे हैं। भोपाल की जनता ने भी 2019 में उनके शासनकाल पर ही मुहर लगाई थी।