इससे पहले हाल ही में लक्ष्मण सिंह ने कहा था कि कमलनाथ को मजबूर मुख्यमंत्री जगह मजबूत मुख्यमंत्री बनना चाहिए। वहीं अयोध्या मामले पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस तरह के मसलों को कोर्ट पर छोड़ देना चाहिए। सभी ने कोर्ट के फैसले का सम्मान किया है, अब भाजपा और आएसएस को अयोध्या मामले से सीख लेते हुए सबरीमाला मामले में भी कोर्ट के फैसले को मानना चाहिए। सांसद प्रज्ञा ठाकुर के गांधी संकल्प यात्रा में शामिल न होने के सवाल पर दिग्विजय ने कहा कि इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से सवाल करना चाहिए।
भाजपा और संघ पर फिर साधा निशाना :
दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज भारत का इतिहास बदला जा रहा है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को बदनाम किया जा रहा है। भाजपा ने नेहरु-गांधी की छवि खराब करने की कोशिश की है। इस बारे में हमे सतर्क होने की जरुरत है। नेहरु के बारे में भाजपा नेताओं को कुछ मालूम नहीं, वे बस झूठ बोलते हैं,पता नहीं उन्होंने कौन सा इतिहास पड़ा है। उन्होंने नाराज होते हुए कहा कि नेहरु के कार्यक्रम में एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस के नेता नजर नहीं आ रहे,कहां हैं वे सब। उन्होंने कहा कि डरो मत लड़ाई लड़ो, जो भाजपा और संघ से डरा वो मरा। दिग्विजय ने धारा ३७०, ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया।