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शनिवार को हमीदिया और जेपी अस्पताल में 70 फीसदी मरीजों की संख्या बुखार पीडि़तों की रही। जानकारी के मुताबिक डेंगू से पीडि़त दो मरीजों की हालत गंभीर है और दो मरीजों को आईसीयू में भर्ती किया गया है। उधर, जेपी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों के मुताबिक मेनेनजाइटिस व निमोनिया से पीडि़त मरीज आ रहे हैं। बच्चों में इंसेफेलाइटिस का खतरा बढ़ा है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शोभा खोत का कहना है कि निमोनिया और मेनेनजाइटिस बढ़े हैं।
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डेंगू के लक्षण
बदलते मौसम से डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके लिये बुखार होते ही तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। क्योंकि शुरूवाती दौर में साधारण बुखार और डेंगू बुखार में ज्यादा अंतर नहीं किया जा सकता। इसलिये बुखार होते ही डॉटर से मिले। डॉक्टर के अनुसार डेंगू मच्छर के काटने के 4-7 दिन बाद डेंगू के लक्षण नज़र आते हैं।
ये हैं डेंगू के मुख्य लक्षण –
तेज़ बुखार : डेंगू का सबसे प्रमुख लक्षण तेज़ बुखार है। डेंगू में 102-103º F तक बुखार आना आम बात है।
बदन टूटना : डेंगू में ज़्यादातर जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होता है।
जी मिचलाना : डेंगू में आपको घबराहट महसूस होती है।
चकत्ते या रैशेस : डेंगू में छोटे लाल चकत्ते या रैशेस हो जाते है। इन रैशेस में कभी कभी खुजली भी होती है।
आँख के पीछे दर्द : ज़्यादातर डेंगू से पीड़ित लोग आँख के पीछे दर्द की शिकायत करते हैं। यह दर्द आँखों की मूवमेंट से बढ़ता है।
थकान : डेंगू में थकावट महसूस होती है।
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डेंगू का उपचार
बुखार होते ही डॉक्टर से दवा जरूर लें। दूसरा डेंगू के लक्षण दिखाई देते ही सतर्क हो जाये और गंभीरता से लेते हुये रक्त की जांच कराये। कई बार घटते प्लेटलेट्स से डेंगू का पता लगाया जा सकता है। जांच के मुताबिक और डॉक्टर के सुझाव अनुसार डेंगू का उपचार घर पर या हॉस्पिटल में हो सकता है।
ज़्यादातर लोग घर पर ही सही आराम, अधिक से अधिक जल सेवन से और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं से ठीक हो जाते हैं। डेंगू खुद ठीक होने वाली बीमारी है जो 7 से 10 दिन में ठीक हो जाती है। इस में पपीता और पानी का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिये।