मप्र कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे ने दावा किया है कि छह लाख कर्मचारी इस बार होली नहीं मनाएंगे। मंच के नेतृत्व में कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग पर अड़े हैं। लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। राजधानी में पिछले दो माह से अलग-अलग कर्मचारी संगठनों की ओर से नई पेशन योजना का विरोध कर रहे हैं और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
होली बाद होगा बड़ा आंदोलन
राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार के बाद अब मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना की मांग लगातार उठ रही है। इसे लेकर कर्मचारी संगठन लामबंद हो रहे हैं। पहले 13 मार्च को उन्होंने राजधानी में बड़े आंदोलन की तैयारी की थी, लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें परमिशन नहीं दी गई। मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा और राष्ट्रीय पेंशन योजना बहाली संगठन 13 मार्च को कलियासोत ग्राउंड पर बड़ा आंदोलन करने वाले थे, जिसकी अनुमति कुछ घंटे पहले ही निरस्त कर दी गई। इसी दिन कोर्ट के पास पुरानी पेंशन बहाली महासंघ और प्रगतिशील संयुक्त कर्मचारी कल्याण संघ भी प्रदर्शन करने वाला था, लेकिन एक दिन पहले ही रात में पुलिस ने टेंट हटवा दिए और प्रदर्शन की अनुमति निरस्त कर दी। दोनों ही आंदोलन निरस्त होने से कर्मचारी बेहद नाराज हैं।
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पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर कांग्रेस ने किया हंगामा, भाजपा ने दिए यह संकेत
अब हड़ताल पर जाएंगे
प्रगतिशील संयुक्त कर्मचारी कल्याण संघ का कहना है कि वो होली के बाद काम बंद हड़ताल कर देगा। इसे लेकर बाकी संगठनों से भी चर्चा की जा रही है। पुरानी पेंशन बहाली संघ के मुताबिक 25 से 27 मार्च के बीच सरकार के मंत्रियों की मीटिंग होना है। संभवत: इसमें कोई निर्णय लिया जा सकता है। इसलिए सरकार को 15 दिन की मोहलत दे दी गई है। यदि कोई निर्णय नहीं होता है तो बगैर परमिशन के भी प्रदर्शन करेंगे।
ऐसी है पुरानी पेंशन स्कीम
केंद्र सरकार के फैसले के बाद कई राज्यों ने 2005 में कर्मचारियों की पेंशन योजना को एक प्रकार से बंद करते हुए नए स्वरूप में लागू किया था। इससे उनकी पेंशन काफी कम हो गई थी। कर्मचारी वर्ग समय-समय पर दोबारा से पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग करते रहे हैं।
नई स्कीम से कर्मचारियों को नुकसान
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमा शंकर तिवारी इस बारे में कहते हैं कि पुरानी पेंशन योजना ही कर्मचारियों के लिए अच्छी है। नई स्कीम से जीवन यापन भी संभव नहीं होगा। क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद ही कर्मचारियों बीमारी की गिरफ्त में भी आ जाते हैं, ऐसे में पुरानी पेंशन स्कीम ही सभी सरकारी कर्मचारियों को राहत देंगी।
सरकार ने भी दिए संकेत
इधर, मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र में हंगामे के दौरान जब कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग उठाई तो भाजपा विधायक ने भी संकेत दिए हैं कि सरकार भी इस विषय में गंभीरता से विचार कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री संवेदनशील है और इस विषय में विचार कर रहे हैं।