मृतक दीपक मरावी का परिवार विसरा रिपोर्ट को सही नहीं मान रहा है। मृतक के बेटे आकाश का कहना है कि कि पापा 12 तारीख को वैक्सीन लगवाकर आए थे, उसके बाद बाहर ही नहीं निकले। कोरोना के कारण आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी, पैसे ही नहीं थे तो शराब कैसे पिएंगे।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने पूरे मामले में पीपुल्स मेडिकल कॉलेज की भूमिका और लापरवाही करने के लिए कमेटी का गठन किया था। हमीदिया अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ एके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी ने एक दिन में जांच कर पीपुल्स मेडिकल कॉलेज को क्लीन चिट दे दी थी।
मामले में मेडिकोलीगल संस्थान के डायरेक्टर डॉ अशोक शर्मा का कहना है कि विसरा रिपोर्ट में एथाइल एल्कोहल और ओमेप्रोजॉल पाया गया है। ओमेप्रोजॉल एसिडिटी दूर करने वाली दवा है और डॉक्टर उसे अमूमन अन्य दवाओं के साथ लिखते हैं। इससे मौत नहीं हो सकती है। अब जांच का विषय यह है कि मृतक और कौन सी दवाएं ले रहा था जिसने एल्कोहल के साथ मिलकर पॉइजन का काम किया। पुलिस को इस मामले में पड़ताल करना चाहिए।