मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार को ट्वीट कर इस मामले की निंदा कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है। दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि कमलनाथजी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार की प्राथमिकता आदिवासी विकास और उनके अधिकारों का संरक्षण है। जो घटना हुई है, वह मौजूदा शासन की घोषित नीति के विरुद्ध है, अत: निंदनीय है। उन्होंने कहा कि तत्काल शासन को दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करना चाहिए।
सिंधिया ने की निंदा, जांच की मांग
इधर, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट कर बुरहानपुर घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि आदिवासी जनजातियों की प्रगति व कल्याण, मध्यप्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। बेहरामपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना निंदनीय है। मुखयमंत्री से निवेदन करता हूं कि मामले की पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से जांच हो और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए।
विधायक बोले- मुआवजा दो और केस वापस लो
मनावर से कांग्रेस विधायक डॉ. हीरा अलावा ने भी एक पत्र मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखा है। उन्होंने फायरिंग में घायल चार आदिवासियों को मुआवजा देने की मांग की है, साथ ही आदिवासियों पर लगाए गए केस भी वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि 9 जुलाई 2019 को बुरहानपुर जिले के ग्राम सिवल में पुलिस और रेवेन्यू अधिकारी सहित वन विभाग का अमला पहुंचा और जेसीबी से खेतों में गड्ढे खोदकर फसल उखाड़ने लगे। जब सिवल के रहने वाले बारेला आदिवासी फसल उखाड़ने का विरोध करने लगे तो वन विभाग के अमले ने फायरिंग कर दी। जिससे निकले छर्रे से चार आदिवासी घायल हो गए।
यह हैं घायल आदिवासी
-गोखरिया पिता गाटला बडोले के गर्दन और छाती में छर्रे लगे, जिसके छर्रे अब तक नहीं निकाले जा सके, इसलिए उन्हें डाक्टरों ने इंदौर रेफर किया है।
-भूरालाल पिता मांग्स्या अचाले को सीने एवं पैर पर छर्रों के कारण चोटें आई हैं।
-राकेश पिता रमा अचाले के हाथ और पैर पर चोटें आई हैं।
-वकील पिता भक्ला को घुटे के नीचे चोट लगी है।
9 July 2019: अतिक्रमण हटाने गई टीम की फायरिंग में चार आदिवासी घायल, वन अमले पर एफआइआर दर्ज, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
यह है मामला
गौरतलब है कि 9 जुलाई 2019 मंगलवार सुबह बदनापुर वन परिक्षेत्र के बीट क्रमांक 246 में पौधरोपण के लिए खंती खोदने गए वन अमले को स्थानीय लोगों ने विरोध किया। 300 अफसरों की टीम को 100 अतिक्रमणकारियों ने भागने पर मजबूर कर दिया। भगदड़ में एसडीओ भूपेशकुमार शुक्ला भी घायल हो गए। दोपहर में वन अमला दोबारा गया तो आदिवासियों ने उन्हें घेर लिया बाद में वे किसी तरह समझाइश के बाद छह जेसीबी मशीन के कांच टूट गए। मामले में पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा, बलवा का प्रकरण दर्ज किया था। कलेक्टर राजेश कुमार कौल और एसपी अजयसिंह नेपानगर पहुंचे और दोनों अधिकारी रात 12 बजे तक यहां डटे रहे। इसके बाद मंगलवार रात एक बजे खरगोन रेंज डीआइजी भी पहुंचे और सुबह पांच बजे अफसरों ने घटनास्थल जाकर जांच की। इस दौरान आदिवासियों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में गोली चलाकर घायल करने की शिकायत की।