सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश के कांग्रेस इंचार्ज को चर्चा के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुलाया है। पार्टी में बीते कई महीनों से खींचतान का दौर जारी है। कमल नाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर खुला हमला बोला था वहीं, पार्टी में उपेक्षा से पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नाराज बताए जा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश के सीएम कमल नाथ भोपाल में दो पॉवर सेंटर नहीं चाहते हैं। कहा जा रहा है कि कमल नाथ अपने समर्थक को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपना चाहते हैं। वहीं, दूसरी तरफ कमल नाथ सरकार के कई मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में लंबे समय से मांग कर रहे हैं। हालांकि जो मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में मांग कर रहे हैं वो सिंधिया खेमे के हैं। हाल के दिनों में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की कमल नाथ सरकार के खिलाफ हमला भी बोला है।
मध्यप्रदेश में तीसरा और एक महत्वपूर्ण खेमा है पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का। दिग्विजय सिंह अपने समर्थक को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह के समर्थन में लॉबी कर रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री कमल नाथ किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष पद दिए जाने के समर्थन में हैं।
कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर कई आरोप लगाए थे। इसके बाद से सोनिया गांधी इस पूरे मामले में नाराज थीं। सोनिया ने सीएम कमल नाथ से मुलाकात की थी। प्रदेश कांग्रेस के विवाद को वरिष्ठ नेता एके एंटनी की अगुआई वाली केंद्रीय अनुशासन समिति को जांच के लिए भी सौंप दिया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को भी दो टूक संदेश दे दिया कि सरकार के संचालन में बाहरी दखल की शिकायतें ठीक नहीं हैं।