मार्गदर्शक शिक्षक डॉ. अर्चना शुक्ला और प्राचार्य हेमलता परिहार के निर्देशन में बच्चों ने यह मुकाम हासिल किया। नाटिका में बच्चों ने भारत के गिरते हुए फूड इंडेक्स पर चिंता जताई। इसे अलग-अलग प्रस्तुति के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया। बता दें कि खाद्य सुरक्षा आज भारत के लिए बड़ी चुनौती है। इसमें आमजन किस प्रकार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, नाटक के माध्यम से दर्शाया गया।
नाटक में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए हाइड्रोपोनिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, किचन गार्डन, रोटी बैंक, फूड ऐप जैसे सुझाव दिए गए, ताकि भारत के खाद्य सुरक्षा में गिरते हुए स्तर को सुधारा जा सके। जबलपुर संभाग के ज्वाइन डायरेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी ने लोगों से अन्न बर्बाद नहीं करने को कहा।
आठ जोन की विज्ञान नाटिकाएं शामिल
राज्य स्तरीय विज्ञान नाटिका उत्सव में आठ जोन की विज्ञान नाटिकाएं शामिल हुईं। प्रथम पुरस्कार छतरपुर जॉन, सेकंड पुरस्कार रीवा जॉन, थर्ड पुरस्कार ग्वालियर जॉन को मिला। इसके पहले इन बच्चों ने ब्लॉक लेवल, जिला लेवल और संभाग लेवल में बेहतर प्रदर्शन किया। 9 जोन को मिलाकर प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें आठ जोन से प्रतिभागियों ने मंचन किया। साइंस ड्रामा 30 मिनट का रखा गया था।