भोपाल। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसे भारत सरकार द्वारा एक साथ दो इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर्स की स्थापना की मंजूरी दी गई है। प्रदेश में ये इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर्स ग्वालियर औऱ जबलपुर में तैयार करने की योजना है। इन क्लस्टर्स के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलप करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट को सुचारू ढंग से चलाने के लिए ‘भोपाल इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर्स पार्क लिमिटेड’ नाम की एक अलग कम्पनी बनायी गयी है।
ग्वालियर और जबलपुर में डेवलप होने जा रहे इन क्लस्टर्स के लिए 5 इकाई को भूमि आवंटित की जा चुकी है। आई.टी. पार्क इंदौर में 14, भोपाल में 25 एवं जबलपुर में 4 इकाई को भूमि आवंटित की गयी है।इन क्लस्टर्स से लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इंदौर के परदेशीपुरा और ग्वालियर में आई.टी. पार्क संचालित है। सिंहासा आई.टी. पार्क इंदौर, बड़वई आई.टी. पार्क भोपाल और पूरवा जबलपुर में आई.टी. पार्क की स्थापना के पहले फेज में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर लगभग तीन चौथाई काम पूरा कर लिया गया है।
भारत सरकार की गाइडलाइन्स के मुताबिक वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) की स्थापना की गयी है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से इस परियोजना में मध्यप्रदेश में 400 पोइंट आफ प्रीसेंस (पॉप) केन्द्र की स्थापना की जा रही है। अब तक 380 पॉप केन्द्र की स्थापना की जा चुकी है। साथ ही 40 नई तहसील में से 20 में पॉप केन्द्रों की स्थापना की गयी।
2013 से एक्टिव है स्टेट डेटा सेंटर
प्रदेश सरकार के सभी विभाग एवं एजेंसियों में उपलब्ध डिजिटल सामग्री को सुरक्षित रखने एवं आपस में बाँटने की निरंतरता जारी रखने के लिये भोपाल में साल 2013 से स्टेट डेटा सेंटर एक्टिव है। शासकीय निविदाओं में पारदर्शिता एवं सुगमता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के कार्यालयों द्वारा जारी की जाने वाली निविदाओं के लिये वर्ष 2006 से ई-टेण्डरिंग प्रणाली संचालित है।
शासन के सभी विभाग या संस्थाओं के लिये ई पोर्टल का संचालन किया जा रहा है। विभाग की सभी निविदाएँ ऑनलाइन की जाती हैं। फिलहाल 21 हजार 553 निविदाएं एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क के जरिये राज्य शासन के विभिन्न विभाग द्वारा प्रदान की जा रही। साथ ही 450 शासकीय सेवाएँ पारदर्शी तरीके से सुविधाजनक रूप से नागरिकों को उनके निकटतम स्थान पर ऑनलाइन उपलब्ध करवायी जा रही हैं।
डिजिटल होने की राह पर आगे बढ़ रहा है प्रदेश
प्रदेश के सभी विभाग के जीआईएस डाटा तैयार किये जाने का काम चल रहा है। खसरा नक्शों का एकीकृत जीआईएस डाटा का निर्माण 94 प्रतिशत पूरा हो चुका है। अब तक वन, स्कूल शिक्षा, नगरीय एवं विकास विभाग से प्राप्त जीआईएस डाटा को संधारित किया जा चुका है। इस डाटा को उपयोगकर्ताओं से साझा करने के लिये वेब सर्विसेस का विकास कर पोर्टल में उपलब्ध करवाया जा चुका है। एम.पी. मोबाइल प्लेटफार्म से 154 नागरिक केन्द्रित सेवाएँ प्रदाय की जा रही हैं।
इतना ही नहीं अधिकारियों और कर्मचारियों की ई-गवर्नेंस एवं आई.टी. संबंधी दक्षताओं के संवर्धन के लिये सभी 51 जिले में ई-दक्ष केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इस साल सितम्बर तक लगभग 85 हजार अधिकारी-कर्मचारियों को आई.टी. या ई-गवर्नेंस से संबंधित ट्रेनिंग दी गई है। वर्चुअल क्लास-रूम प्रोजेक्ट में प्रदेश के उत्कृष्ट विषय-विशेषज्ञों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा द्वारा 413 केन्द्र में शिक्षण जारी है।
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